रायपुर (Todaynewslab.com) | प्रदेश स्तरीय कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों की बैठक पिछले दिनों आशीर्वाद भवन, बैरन बाजार, रायपुर में आयोजित की गई। बैठक अध्यक्ष पं. अरुण शुक्ल और सचिव पं. सुरेश मिश्र के नेतृत्व में संपन्न हुई। इस दौरान रायपुर सहित जगदलपुर, राजनांदगांव, भिलाई-दुर्ग, भाटापारा-रोहरा, बलौदाबाजार, लवन, रायगढ़, कोरबा और बिलासपुर के पदाधिकारीगण मौजूद रहे। बैठक में सर्वसम्मित से महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किय गए। जो इस प्रकार हैं-
1. बच्चों की शिक्षा में संस्कार का समावेश आज के परिवेश में नितांत आवश्यक है। आज बच्चे अपने मां-बाप, बड़े-बुजुर्गों का सम्मान भूलते जा रहें है। इसकी आवश्यकता को देखते हुए समाज द्वारा बच्चों को संस्कार की शिक्षा दी जाएगी।
2. मृत्यु भोज (तेरहवीं भोज) का आयोजन संबंधित पारिवारिक जनों के मध्य सादगी के साथ किया जाना चाहिए और अंत में ईष्ट मित्रों व अन्य लोगों के लिए शांति मिलन का आयोजन कर श्रद्धांजलि अर्पित किया जाना चाहिए।
3 आज कल वैवाहिक कार्यक्रमों में फिजूलखर्ची काफी हो रही है। इस पर यह प्रस्ताव पारित किया गया कि प्री-वेडिंग फोटोशूट और वैवाहिक कार्यक्रम का आयोजन दिन में ही किया जाए ताकि फिजूलखर्ची में कमी लाया जा सके। साथ ही प्रदेश स्तर पर साल में एक बार युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन करने का निर्णय लिया गया।
अध्यक्ष पं. अरूण शुक्ल जी ने कहा कि सभी समाजों के नेतृत्वकर्ता के रूप में ब्राह्मण समाज को पीढ़ियों से जवाबदारी प्राप्त होती रही है और भारत की मूल संस्कृति एवं परंपरा को आज तक बचाये रखने में ब्राह्मण समाज अग्रणी रहा। उसे और मजबूती प्रदान करने के लिए वेशभूषा, भाषा शैली और चारित्रिक उन्नति के लिए हम सबको इस दायित्व का पालन अपने अपने घरों में गंभीरता से करना होगा ताकि हमारे आनेवाली पीढ़ी अपनी ब्राह्मण समाज के मूल धर्म एवं संस्कृति को बचा कर रख सके। इस दिशा में हमने समाज की अलग-अलग प्रतिभाओं का सम्मान किया है। इसके अतिरिक्त हम बुजुर्गों का 50 वर्ष विवाह के पूरे होने पर सफल दाम्पत्य जीवन निर्वाह करने पर उनका अभिनंदन करते हैं। इस वर्ष हमने अपने बुजुर्ग माता-पिता की पूरी निष्ठा से सेवा करने वाली बेटे-बहुओं की पहचान कर श्रवण कुमार सम्मान देने का निर्णय लिया है।
आयोजन का सफल संचालन सहसचिव पं.रज्जन अग्निहोत्री ने किया। अंत में आयोजन पदाधिकारियों ने कहा कि अध्यक्ष एवं महासचिव पद की जो जवाबदारियां पं. अरूण शुक्ल एवं पं. अरविंद दीक्षित जी को प्रदान की गई है वह उनके व्यक्तित्व व्यवहार और कार्यशैली का सम्मान है।
कार्यक्रम में राजनांदगांव से पं. प्रदीप मिश्र, पं. अजय शुक्ल, पं. अखिलेश तिवारी, पं. भूपेन्द्र बाजपेयी, पं. वी.डी.तिवारी भाटापारा से पं. अटल त्रिवेदी, पं. अजयकांत शुक्ल, पं. देवकांत मिश्र, पं. प्रदीप त्रिवेदी, राजकुमार तिवारी, शरद शुक्ल कान्यकुब्ज ब्राह्मण विकास मंचछत्तीसगढ़ से पं. आदित्य त्रिपाठी, भिलाई-दुर्ग से पं. गुरूप्रसाद तिवारी,पं. संदीप दीक्षित, पं. विजय तिवारी, पं. आलोक शुक्ल, ममता अवस्थी, पं. श्याम तिवारी, कोरबा से संरक्षक पं. सतीश शुक्ल, जगदलपुर से महिला अध्यक्ष सुहाषिणी शुक्ला, रायगढ़ से पं. दयासागर मिश्र, पं. अखिलेश बाजपेयी, पं. दयानंद अवस्थी, पं. दशरथ दीक्षित, पं. कौशल दीक्षित, पं. सुधीर बाजपेयी, नवयुवक कान्यकुब्ज विकास समिति बिलासपुरसे संरक्षक पं. रामप्रसाद शुक्ल, अध्यक्षपं. अरविंद दीक्षित, सचिव पं. मनोज शुक्ल, पं. गोपाल मिश्र, पं. राजीव अवस्थी, पं. कृष्णमोहन पाण्डेय, पं. महेश शुक्ल, श्रीमती वंदना शुक्ला, पं. शैलेश दीक्षित, पं. शैलेश बाजपेयी, पं. बिमलेश बाजपेई, बलौदा बाजार से अध्यक्ष पं. श्याम शुक्ल, पूर्व अध्यक्ष पं. अरविंद शुक्ल, पं. राजकुमार तिवारी , रायपुर से अध्यक्ष पं. अरूण शुक्ल, सचिव पं. सुरेश मिश्र, उपाध्यक्ष पं. राघवेन्द्र मिश्र, उपायक्ष निशा अवस्थी, सहसचिव पं. रज्जन अग्निहोत्री, सहसचिव पं. गौरव शुक्ल, पं. अतुल पांडेय, पं. रामकिशोर दीक्षित, पं. जे.पी.मिश्र, पं. अनुराग पाण्डेय, पं. अजय किरण अवस्थी, पं. गिरजाशंकर दीक्षित, पं. प्रकाश अवस्थी, पं. अभिषेक मिश्र, पं. साजेन्द्र पाण्डेय, पं. प्रशांत तिवारी, पं. इन्द्रकुमार तिवारी, पं. प्रभात पांडेय, पं. चन्द्रिका शंकर बाजपेयी, पं. श्रीकांत अवस्थी, पं. रितेश तिवारी, अर्चना त्रिवेदी, अर्चना मिश्रा, सुनयना शुक्ला, सुधा शुक्ला, रीता पाण्डेय, राधा तिवारी, संध्या मिश्रा, पं. एन.एल.शुक्ल आदि मौजूद रहे।