Ram Mandir Raipur Chhattisgarh | राम मंदिर रायपुर, जानिए राम मंदिर के बारे में

इस पोस्ट में राजधानी रायपुर के वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर की बात करेंगे। 2017 में 15 करोड़ रुपए की लागत से 105 फीट ऊंचे भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा
इस पोस्ट में राजधानी रायपुर के वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर की बात करेंगे। 2017 में 15 करोड़ रुपए की लागत से 105 फीट ऊंचे भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हुआ है।

मंदिर में 3 फरवरी 2017 को भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। मंदिर में भगवान राम और सीता की बैठी हुई मूर्ति देखने को मिलती है, जो बहुत ही रेयर पैटर्न है।

मंदिर में भगवान राम सीता और हनुमान के अलावा 16 देवी-देवताओं के दर्शन होते हैं। मंदिर में स्थापित भगवान राम की मूर्ति की खास बात यह भी है कि इसे सिंगल मरकाना पत्थर से बनाया गया है।


जिस मरकाना पत्थर से भगवान को आकार दिया गया है उसे खोजने में करीब डेढ़ साल का समय लगा। राजस्थान में बनी राम की प्रतिमा को तराशने में 4 माह का समय लगा है।

भगवान जिस गर्भ गृह में स्थापित हैं उसे डेकोरेट करने में करीब 5 किलो गोल्ड का यूज किया गया है। 

राम मंदिर में स्थापित भगवान राम सीता की प्रतिमा।


मंदिर कैंपस के एंट्री गेट के अंदर और मुख्य मंदिर के गेट के बाहर बीच में गोस्वामी तुलसी दास जी की प्रतिमा देखने को मिलती है। तुलसी दास जी ने ही रामचरित मानस लिखा था।


मंदिर के गेट के बाहर दो हाथी स्वागत की मुद्रा में खड़े दिखते हैं जो सूंड को ऊपर उठाए हुए हैं। भगवान के दर्शन के लिए हर दिन सैकड़ों श्रद्धालू मंदिर आते हैं। इसमें कई ऐसे श्रद्धालू होते हैं जो दूसरे दूसरे जिलों या प्रदेशों से आते हैं।


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ओडिसा और राजस्थान के कारीगरों ने बनाया 

मंदिर के गर्भगृह की बाहरी दीवारों पर गोल्डन वर्क का यूज किया गया है।


मंदिर निर्माण के लिए ओडिसा और राजस्थान से सैकड़ों कारिगरों को रायपुर बुलाया गया था। भव्य और आकर्षक मंदिर की बाहरी और भीतरी दीवारों पर बारीक कारीगिरी की गई है।


दीवारों में भगवान विष्णु के कई अवतारों के साथ कई देवी-देवताओं को उकेरा गया है। राजवाड़ा आर्ट पैर्टन में बने डिजाइन से मंदिर की खूबसूरती और आकर्षक लगती है। मंदिर को पूरी तरह बनाने में करीब 5 साल का समय लगा है। 
 

राम मंदिर में लगा है 7 लाख का झूमर

राम मंदिर के अंदर यानी हॉल वाले हिस्से में 7 लाख रुपए से अधिक कीमत का झूमर लगाया गया है। मंदिर में स्थापित भगवान राम और सीता की बैठी हुई मूर्ति को राजस्थान के कारीगरों ने तराशा है। मंदिर का हॉल इतना बड़ा है कि इसमें एक साथ 500 से अधिक लोग बैठ सकते हैं।

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राम मंदिर में यज्ञ शाला और नवग्रह मंदिर

मंदिर कैंपस में निर्मित यज्ञ शाला।


राम मंदिर कैंपस में यज्ञ शाला और नवग्रह मंदिर का निर्माण भी किया गया है। राम मंदिर के भव्य एंट्री गेट से अंदर जाने पर यज्ञ शाला बाएं तरफ और नवग्रह मंदिर दाएं तरह देखने को मिलते हैं। मंदिर में भगवान राम, सीता और हनुमान के अलावा 16 देवी-देवताओं के दर्शन होते हैं। 
        

मंदिर कैंपस में फ्लावर के हजारों किस्म

मंदिर कैंपस को डेकोरेट करने के लिए फ्लावर के हजारों किस्म लगाए गए हैं। इसके अलावा करीब 11 सौ सजावटी पौधे अलग से लगाए गए हैं, जो कैंपस की सुंदरता को और बढ़ा देते हैं। कैंपस में फाउंटेन भी लगाया गया है, जिसमें कलरफुल लाइटें लगी हैं। मंदिर के दोनों ओर गार्डन बने हुए हैं।

राम मंदिर में कलरफुल लाइटिंग

शाम के समय लाइटिंग से राम मंदिर और आकर्षक दिखता है।


भव्य राम मंदिर का नजारा रात के समय और आकर्षक हो जाता है। इसका प्रमुख कारण है रात के समय जलने वाली विशेष तरह की लाइटिंग। मंदिर कैंपस को कलरफुल लाइटों से डेकोरेट किया गया है। रात के समय जब लोग मंदिर के पास से गुजरते हैं तो उनकी नजरे आकर्षक लाइटिंग की ओर अपने आप घुम जाती हैं। 

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राम मंदिर खुलने और बंद होने का समय

राम मंदिर को भव्य तरीके से बनाया गया है।


राम मंदिर प्रात: 5:30 बजे खुल जाता है जो दोपहर 1 बजे तक खुला रहता है। बंद होने के बाद दोपहर 3 बजे मंदिर फिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाता है जो रात 9 बजे तक खुला रहता है।


मंदिर में शाम 7 बजे भव्य आरती की जाती है। मंदिर के एंट्री गेट के बाहर कुछ स्टॉल बने हुए हैं। यहां से आप प्रसाद और खाने-पीने की चीजें खरीद सकते हैं। स्टॉल के पास ही जुता-चप्पल रखने की निशुल्क सुविधा उपलब्ध है। 

राम मंदिर में मात्र 20 रुपए में भोजन की थाली

राम मंदिर समिति की ओर से राम मंदिर में भोजनालय की स्थापना की गई है। इसके लिए अन्न प्रसाद्म केंद्र नाम से एक अलग भवन का निर्माण किया गया है


जहां एक बार में 500 के करीब लोग बैठकर भोजन कर सकते हैं। इस केंद्र में मात्र 20 रुपए में भोजन की सुविधा उपलब्ध है। भोजन में बिना लहसन प्याज की सब्जी, दाल, रोटी और चावल परोसी जाती है। भोजनालय में दो टाइम भोजन परोसा जाता है।


सुबह 10:30 से दोपहर 2 बजे तक और शाम 7:30 से रात्रि 10 बजे तक। दोनों टाइम में करीब 1500 लोगों को यहां भोजन परोसा जाता है। समिति के अनुसार भोजनालय का उद्देश्य नो प्रॉफिट है।

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खास मौके पर करवा सकते हैं भोजन

आप किसी खास मौके यानी अपने बर्थडे या अपने किसी परिजन के बर्थडे पर मंदिर के भोजनालय में आने वाले लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर सकते हैं।


जितने लोगों को भोजन करवाना चाहते हैं उतने लोगों के भोजन में लगने वाली राशि आप मंदिर समिति के कार्यालय में संपर्क कर जमा करवा सकते हैं। ऐसे खास मौकों पर समिति द्वारा भोजनालय में स्पेशल भोजन की व्यवस्था की जाती है, जिसमें भोजन में पूरी सब्जी के साथ लोगों को मीठा परोसा जाता है।
 

निर्माण में अज्ञात भक्तों ने भी किया सहयोग

राम मंदिर निर्माण के समय अज्ञात भक्तों ने भी कई तरह से सहयोग किया है। इसमें प्रमुख रूप से लोगों ने निर्माण सामग्री भेजकर सहयोग किया है। रात के समय कई दानदाताओं ने निर्माण सामग्री मंदिर तक चुपचाप पहुंचवा दी।

राजधानी रायपुर में घूमने की जगह

राजधानी रायपुर में कई जगहें हैं जहां पिकनिक या घूमने का प्लान बनाया जा सकता है। इनमें स्वामी विवेकानंद सरोवर जिसे बूढ़ा तालाब भी कहते हैं,


तेलीबांधा तालाब, एनर्जी पार्क, गांधी उद्यान, महामाया मंदिर, काली मंदिर, बंजारी माता मंदिर, लक्ष्मण झूला, नंदन वन जू, पुरखौती मुक्तांगन, कैवल्य धाम, नया रायपुर, एमएम फन सिटी, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय प्रमुख है। 

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रायपुर से राम मंदिर की दूरी

राजधानी रायपुर में घड़ी चौक से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर वीआईपी रोड में राम मंदिर स्थित है। पूरे छत्तीसगढ़ से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से रायपुर में स्थित राम मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।


आप बस, कार, टैक्सी या अपने साधन से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। रायपुर, बिलासपुर, उसलापुर, रायगढ़, जांजगीर, चांपा, भाटापारा, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, मेन रेल रूट पड़ने वाले स्टेशन हैं। यहां से देशभर में जाने के लिए ट्रेनें मिलती हैं।


इन स्टेशनों से रायपुर तक के लिए कई ट्रेनों की सुविधा है। प्रदेश में और कई शहर भी हैं जहां ट्रेन की सुविधा है। इसमें बस्तर, कोरबा, अंबिकापुर स्टेशन आदि हैं।


दूसरे राज्यों से आने वालों के लिए रायपुर एयरपोर्ट की सुविधा है, जो मुंबई, दिल्ली, विशाखापट्‌टनम और कोलकाता से डायरेक्ट जुड़ा हुआ है।

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