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में छत्तीसगढ़ के सोमनाथ मंदिर की बात करेंगे। राजधानी रायपुर से करीब 45 किलोमीटर की दूरी और बिलासपुर से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर छत्तीसगढ़ का सोमनाथ मंदिर स्थित है। मंदिर ऐतिहासिक है और पूरे छत्तीसगढ़ से श्रद्धालु यहां आते हैं। मंदिर के अंदर 3 फीट ऊंचा शिवलिंग है जो खुदाई के दौरान मिला था। मंदिर प्रांगण में कई और मंदिर हैं। इनमें मां पार्वती, राधा-कृष्ण, मां दुर्गा और भगवान राम लक्ष्मण सीता और
हनुमान जी का मंदिर है।
सोमनाथ मंदिर है ऐतिहासिक
सोमनाथ मंदिर। |
ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर परिसर से थोड़ी दूरी पर कुछ और मंदिर हैं। पैदल आसानी से इन मंदिरों तक पहुंचा जा सकता है। बारिश के दिनों में रास्ते में कीचड़ हो जाता है। इससे इन मंदिरों तक ज्यादातर श्रद्धालु नहीं जा पाते। यही हाल सोमनाथ मंदिर परिसर से खारुन और शिवनाथ नदी के संगम तक पहुंचने वाले रास्ते का भी है। मंदिर प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए।
मंदिर से लगा हुआ है पार्किंग
पार्किंग एरिया मंदिर परिसर से लगा हुआ है। यह सुविधा निशुल्क है। पार्किंग एरिया खुला हुआ है। कच्ची जगह होने के कारण बारिश के दिनों में यहां भी थोड़ा कीचड़ हो जाता है। इससे आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है। मंदिर परिसर में भी बारिश के दिनों में कीचड़ हो जाता है।
सोमनाथ मंदिर के पास शिवनाथ और खारुन नदी का संगम
शिवनाथ और खारुन नदी का संगम। |
सोमनाथ मंदिर से थोड़ी दूरी पर शिवनाथ और खारून नदी का संगम स्थल है। यहां आने वाले श्रद्धालु इस संगम को जरूर देखते हैं। यहां पर बोटिंग की सुविधा है। मंदिर से संगम तट पर आने वाले मार्ग में नाविक खड़े रहते हैं और तट पर आने वाले श्रद्धालुओं को वोटिंग के लिए आमंत्रित करते हैं। एक व्यक्ति का किराया 30 रुपया है और अगर आप फैमिली के साथ नाव में जाते हैं तो उसका किराया अलग है। घाट पर आपको बड़ी बड़ी नाव की कतारें दिख जाएंगी। ये आकर्षक दिखती हैं।
सोमनाथ मंदिर के पास बगीचा
मंदिर के पास स्थित बगीचा। |
मंदिर परिसर से बगीचा लगा हुआ है। बगीचे में बेल, अमरूद और अन्य पेड़ हैं। इसमें बेल के पेड़ बहुत ज्यादा हैं। बगीचा मंदिर से लेकर शिवनाथ और खारुन नदी के संगम तक फैला हुआ है। बगीचा से होते हुए या मंदिर गेट की तरफ से आप संगम तट तक पहुंच सकते हैं। तट के पास भी कई भगवान की मूर्तियां स्थापित हैं। भूरे रंग के पत्थर से बनी यह मूर्तियां बहुत सुंदर और प्राचीन हैं।
बच्चों के लिए झूला और फिसलपट्टी
सोमनाथ मंदिर परिसर के सामने बच्चों के एंटरटेनमेंट के लिए झूला और फिसल पट्टी की सुविधा है। यहां बच्चों के साथ बड़े भी झूला का आनंद ले सकते हैं। बारिश के दिनों में यहां की स्थिति भी खराब हो जाती है। चारों तरफ कीचड़ हो जाता है।
रायपुर से सोमनाथ मंदिर की दूरी
रायपुर बिलासपुर हाईवे से सोमनाथ मंदिर लगा हुआ है। हाईवे के बीच में सोमनाथ मंदिर का एक बोर्ड लगा हुआ है। हाईवे से सोमनाथ मंदिर की दूरी करीब 5 किलोमीटर है। अगर आप रायपुर की तरफ से आ रहे हैं तो करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर यह बोर्ड आपको हाईवे के बीच में लगा दिख जाएगा। हाईवे से लेफ्ट मुड़कर आपको करीब साढ़े 4 किलोमीटर का सफर और तय करना पड़ेगा। अगर आप बिलासपुर की तरफ से आ रहे हैं तो करीब 65 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद सिमगा है। सिमगा से और करीब 5 किलोमीटर आगे बढ़ने पर हाईवे में लगा सोमनाथ मंदिर का बोर्ड दिख जाएगा। बिलासपुर से आते समय मंदिर राइट साइड की ओर पड़ेगा, इसलिए बोर्ड से करीब हाफ किलोमीटर आगे जाकर ओवर ब्रिज के नीचे से यूटर्न लेकर वापस आना पड़ेगा। बोर्ड से करीब साढ़े 4 किलोमीटर अंदर जाने पर सोमनाथ मंदिर है। लखना गांव की सीमा में सोमनाथ मंदिर आता है। गांव और मंदिर नेशनल हाईवे 30 से लगे हुए हैं।
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