कोरबा (Todaynewslab.com) | बाबा साहेब अम्बेडकर का नाम लेते ही पता नहीं क्यों मन में चेतना जाग जाती है। मैं भी उन्हें याद करता हूँ, उनके संघर्षमयी जीवन से प्रेरणा लेता हूँ। बाबा साहेब ने कभी भी अपनी लाचारी, गरीबी, मजबूरी और कमजोरी को असफलता का कारण बनने नहीं दिया। जिस संस्था में आज भी दाखिला लेना कितना कठिन हैं, वहाँ जाकर न सिर्फ पढ़ाई की, अपितु डिग्रियां लेकर वे सभी क्षेत्र में नम्बर वन भी बने। अपनी काबिलियत से संविधान सभा में गए और संविधान के पिता के रूप में खुद को साबित किया। कभी भी अपनी कमजोरी और विवशता को रास्ते में आने नहीं दिया। मैं भी व्यक्तिगत उनसे सीखता हूँ। इसलिए बाबा साहेब को पूजिये मत, उनके विचारों को अपनाते हुए उन्हें आत्मसात करिए। यह बातें कलेक्टर संजीव कुमार झा ने अम्बेडकर जयंती के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कही।
भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर के जयंती अवसर पर अम्बेडकर आडिटोरियम घण्टाघर में आयोजित भारतीय संविधान गौरव दिवस समारोह में मुख्य अतिथि कलेक्टर श्री झा ने आगे कहा कि डॉ अम्बेडकर ने शिक्षा के महत्व को समझा और इसे ही एकमात्र हथियार बनाते हुए घण्टों तक किताबों की पढ़ाई की। अपने शिक्षा के बलबूते उन्होंने सदियों की मानसिक गुलामी, लोगों में व्याप्त भेदभाव, बेड़ियों को तोड़ने का काम किया। कलेक्टर ने कहा कि आप यदि बाबा साहेब को मानते हैं, उनके आदर्शों को जानते हैं, उन्हें स्वीकार करते हैं तो सभी अपने बच्चों को अवश्य शिक्षा दें और लड़कियों को जरूर शिक्षित करें। उन्होंने कहा कि उस जमाने में जब लड़कियां शिक्षा से दूर थीं तब डॉ अम्बेडकर ने लड़कियों के शिक्षा को लेकर क्रांतिकारी कार्य किए। भले ही आज के समय में यह सामान्य लगती है लेकिन उन्होंने उनकी आजीविका से लेकर महिलाओं के समान मताधिकार को लेकर कार्य किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर विजेंद्र पाटले ने कहा कि डॉ अम्बेडकर इतने ज्यादा विद्वान थे कि उन्हें उनकी काबिलियत की वजह से संविधान सभा में शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि आप भी अपने बच्चों को संविधान पढ़ाए, उन्हें भीड़ तंत्र से निकालकर शिक्षा से जोड़कर उनके संघर्ष को बताएं।
एडीजे कुमारी संघ पुष्प भतपहरी ने कहा कि हम बाबा साहेब के संविधान का कुछ अंश भी जीवन में उतार लिए तो बहुत बड़ी बात है। यह एक जीवन दर्शन है। इससे ही कानून बनते हैं। उन्होंने बताया कि सबको न्याय के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण भी उन्हीं की देन है। इस अवसर पर एसडीएम सीमा पात्रे, विश्वास राव मेश्राम, आयोजन समिति के यू आर महिलांगे, मनी राम जांगड़े सहित अन्य समाज के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। कलेक्टर ने यहाँ डॉ अम्बेडकर की प्रतिमा में माल्यार्पण भी किया और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं का सम्मान भी किया।
जागरूक बनिए और योजनाओं का लाभ उठाएं
कलेक्टर संजीव झा ने कहा कि डॉ अम्बेडकर अपने अधिकारों के प्रति सजग थे, यह गुण हर इंसानों में होना चाहिए। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है, लेकिन बहुतों को मालूम ही नहीं रहता कि उनके लिए क्या-क्या योजनाएं हैं? उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मिसल नहीं होने से अनेक लोग जाति प्रमाणपत्र नहीं बनवा पाते, जबकि शासन ने ग्राम सभा के माध्यम से भी यह व्यवस्था बनाई है कि परिवार के किसी अन्य सदस्य के जाति प्रमाणपत्र और ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर जाति प्रमाणपत्र बनेगा। उन्होंने 1 अप्रैल से छत्तीसगढ़ में प्रारंभ हुए बेरोजगारी भत्ते का भी जिक्र करते हुए जागरूक बनकर इसका लाभ उठाने की अपील की। कलेक्टर ने लोगों को अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए किसी झूठे प्रलोभनों और ठगी से बचने की अपील भी की।
उद्यमशीलता को अपनाएं, विकास में सहभागी बने
कलेक्टर श्री झा ने कहा कि डॉ अम्बेडकर समय से बहुत आगे सोचते थे। उन्होंने उस दौर में संविधान का निर्माण किया, जिसमें सारी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की, जिसकी प्रासंगिकता अभी भी है। यदि आज वे होते तो समय के हिसाब से उद्यमशीलता को भी अपनाने के लिए कहते। कलेक्टर ने कहा कि आप पढ़िए, नौकरी करिए लेकिन उद्यमशील भी बनिए ताकि इसके माध्यम से आप भी किसी को नौकरी दे सकें। इससे आपका और विकास होगा और आगे बढ़ेंगे। कई लोग नौकरी के पीछे भागते हैं, निश्चित आयु सीमा खत्म होने के बाद नौकरी नहीं मिलती, इसलिए उद्यमी बनने आगे आएं। कलेक्टर ने कहा कि सरकार की ओर से अनेक योजनाएं हैं। ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के अलावा अन्य सहायता भी फैक्ट्री लगाने दी जाती है। आप अधिकारियों के पास आये और योजनाओं की जानकारी लेकर इसे अपनाएं। उन्होंने आर्थिक परिस्थितियों की वजह से अध्ययन नहीं कर पाने वाले किसी भी समाज के बच्चे को सहयोग करने की बात भी कही।