इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड और स्टेट ग्रिड कोड के प्रावधानों के अनुसार साल में एक बार इस तरह का मॉकड्रिल करना होता है। इस दौरान डंगनिया स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर में कार्यपालक निदेशक सर्व केएस मनोठिया एवं एम एस कंवर, मुख्य अभियंता केके भगत, अतिरिक्त मुख्य अभियंता शारदा सोनवानी, राकेश शर्मा, अधीक्षण अभियंता मनोज राय, संजय चैधरी, अभिषेक जैन, संजय वैद्य, एम0 नायक, माया नायर, पुष्पा पिल्लई कार्यपालन अभियंता जीपी सिंह, धर्मजीत भट्ट, मनोज रावटे, सुदेशना पाॅल, नमिता विभा लकरा, अवनीश जोशी, सहायक अभियंता केतन मिश्रा, विन्ध्याचल गुप्ता, प्रीति गुप्ता, जुवेना गोम्स, रेखा शर्मा, संदीपा देवाॅगन, कनिष्ठ अभियंता शुभम घोरे आदि उपस्थित थे।
राज्य भार प्रेषण केन्द्र के नियंत्रण कक्ष में ड्युटी पर उपस्थित कार्यपालन अभियंता जी आर नवरंग, रंजीत कुजुर, सहायक अभियंता संदीप देवाॅगन एवं तकनीकी सहायक दिनेश विश्वकर्मा का मॉकड्रिल को सम्पन्न कराने में सक्रिय एवं महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इसी तरह बांगो जल विद्युत संयंत्र के अधीक्षण अभियंता बी आर भगत, एस के रहमतकर एवं उनकी टीम, विद्युत गृह कोरबा पश्चिम में अधीक्षण अभियंता एस करकरे एवं उनकी टीम, कोरबा पूर्व में पारेषण संकाय से अधीक्षण अभियंता डी एस पटेल एवं उनकी टीम, वितरण संकाय से अधीक्षण अभियंता पी एल सिदार एवं उनकी टीम, संचार एवं टेलीमीटरी संकाय से कार्यपालन अभियंता अजय कंवर एवं उनकी टीम, उत्पादन कॅपनी से कार्यपालन अभियंता आनंद कुमार एवं सुरेश साहू की सक्रिय भूमिका इस मॉकड्रिल को सम्पन्न कराने में रही है।
ऐसे पूरी हुई माॅकड्रिल की प्रक्रिया-
माॅक ड्रिल के दौरान सर्वप्रथम बांगो जल विद्युत गृह, छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व के उपकेन्द्रों से फीड होने वाले क्षेत्रों को मिलाकर एक आईलैण्ड सब-सिस्टम बनाया गया। इसके पश्चात् इस आईलैण्ड सब-सिस्टम में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित की गई। इस तरह एक बनावटी बिजली संकट छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा क्षेत्र में निर्मित किया गया। इसके पश्चात् इंजीनियरों की टीम ने युद्धस्तर पर बिजली संकट क्षेत्र में बिजली बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की। इसके लिये बांगो में उपलब्ध डीजल जनरेटर सेट से बंद जल विद्युत इकाई क्रमांक-3 को सर्विस में लेकर बांगो उपकेन्द्र के बस को चार्ज किया गया और वहां उत्पादित बिजली को 132 के0व्ही0 लाईनों के माध्यम से छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व 132 के0व्ही0 उपकेन्द्रों तक क्रमशः पहुंचाया गया और पूर्व निर्धारित 33/11 के0व्ही0 विद्युत फीडरों को एक के बाद एक चालू कर बांगों की जल विद्युत इकाई से करीब 24 मेगावाट लोड लिया गया। इसके पश्चात् आईलैण्ड सब-सिस्टम की फ्रिक्वेन्सी एवं वोल्टेज को माॅनीटर करते हुए बांगो जल विद्युत गृह की सप्लाई को कोरबा पश्चिम ताप विद्युत गृह तक पहुंचाया गया। इस पूरी प्रकिे्रया में 43 मिनट का समय लगा। इसके पूर्व में ‘‘ब्लैक स्टार्ट मॉकड्रिल‘‘ 11 अगस्त 2023 को किया गया था।