Laxman Mandir Sirpur Chhattisgarh | लक्ष्मण मंदिर सिरपुर | जानिए सिरपुर को | रायपुर से सिरपुर की दूरी | खुदाई में सिरपुर में तीन धर्मों के अवशेष मिले

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इस पोस्ट में महासमुंद जिले के सिरपुर में स्थित लक्ष्मण मंदिर की बात करेंगे। राजधानी रायपुर से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्मण मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। सिरपुर के गाइड के अनुसार सिरपुर का प्राचीन नाम श्रीपुर था। यह एक वैभव नगरी थी। सिरपुर दक्षिण कौशन की राजधानी थी। खुदाई में मिले अवशेषों के अनुसार सिरपुर तीन धर्मों का संगम था। हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म। खुदाई में 21 शिव मंदिर, 10 बौद्ध विहार, 5 विष्णु मंदिर और 1 जैन विहार मिला है। इसके अलावा एक बहुत बड़ा बाजार, 51 तालाब भी खुदाई में मिले हैं। 

सिरपुर में लक्ष्मण मंदिर। 

सिरपुर का इतिहास 2500 साल पुराना है। महानदी के किनारे बसे सिरपुर में कई धार्मिक मंदिर हैं। इसमें लक्ष्मण मंदिर की ख्याति देश के साथ-साथ विदेशों में भी है। लक्ष्मण मंदिर का निर्माण छठवीं शताब्दी में लाल इंटों से हुआ है। लक्ष्मण मंदिर के गर्भ गृह में शेषनाग की मूर्ति स्थापित है। इस कारण इसे लक्ष्मण मंदिर कहते हैं।

सिरपुर हिस्टोरिकल टूरिस्ट प्लेस

सिरपुर में लक्ष्मण मंदिर के बैक साइड में तीन म्यूजियम स्थित है। इसमें खुदाई में मिलीं बहुत सी ऐतिहासिक मूर्तियां रखी गईं हैं। सिरपुर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। यहां पर अलग-अलग संप्रदाय के मंदिर हैं। प्राकृतिक सुंदरता से घिरा सिरपुर एक हिस्टोरिकल टूरिस्ट प्लेस है।



लक्ष्मण मंदिर की दुनियाभर में पहचान

लक्ष्मण मंदिर के कारण सिरपुर की पहचान दुनियाभर में है। लक्ष्मण मंदिर की खास बात यह है कि मंदिर के गर्भ गृह में भगवान शेषनाग की प्रतिमा विराजित है। मंदिर कैंपस में लक्ष्मण मंदिर संग्रहालय भी है। तीन संग्रहालय में बहुत सारी ऐतिहासिक मूर्तियां और निर्माण में लगे तराशे हुए पत्थर रखे गए हैं। लक्ष्मण मंदिर का कैंपस बहुत बड़ा है। कैंपस में पर्यटकों के लिए बैग काउंटर भी बना हुआ है। यहां पर आप अपना लगेज रख सकते हैं। बैग काउंटर के पास ही टिकट काउंटर है। पर पर्सन 25 रुपए टिकट दर है। कैमरा है तो उसके लिए अलग से 25 रुपए का टिकट लेना पड़ेगा। कैंपस में ब्लाइंड पर्यटकों का भी ध्यान रखा गया है। इनकी जानकारी के लिए ब्लाइंड बोर्ड लगे हुए हैं। लक्ष्मण मंदिर के आस-पास बहुत सारी मूर्तियां और मंदिर हैं जो अब अवशेष के रूप में बचे हैं।  

लक्ष्मण मंदिर सिरपुर का इतिहास

सिरपुर जब भी जाएं तो वहां जाकर एक गाइड जरूर बुक कर लें। लक्ष्मण मंदिर के इतिहास को जानने के लिए गाइड हायर करना बहुत जरूरी है। यहां बहुत कुछ ऐसा है जिसकी जानकारी बिना गाइड के आपको नहीं मिल पाएगी। गाइड के अनुसार लक्ष्मण मंदिर का निर्माण यहां की रानी ने अपने पति (राजा) की याद में करवाया था। रानी मगध की राजकुमारी थीं। खोज के दौरान लक्ष्मण मंदिर जंगलों से घिरा हुआ था। लक्ष्मण मंदिर स्थापत्य कला के अनुसार बना हुआ है। यह पूर्व मुखी मंदिर है। मंदिर का फ्लोर खुदाई में मिला है। मंदिर के प्रवेश द्वारा को बहुत ही आकर्षक ढंग से बनाया गया है। इसमें आम का पेड़, चुहा, मेढ़क, सांप, बंदर, मोर, कमल फूल, द्वारपाल, मैथुन पोज में कपल आदि को बनाया गया है।

पांच भागों में बंटा है लक्ष्मण मंदिर का गेट

पांच आकर्षक भाग में मंदिर का गेट।

मंदिर का गेट पांच भागों में बंटा हुआ है। पहला पत्र शाखा, दूसरा रत्न शाखा, तीसरा मैथुन शाखा, चौथा फिर पत्र शाखा और पाचवें शाखा में भगवान विष्णु के 10 अवतारों को नक्काशी के रूप में दिखाया गया है। मेन गेट के ऊपर भगवान विष्णु सोये हुए मुद्रा में हैं। इन सभी कारणों से मंदिर को विष्णु भगवान को समर्पित माना जाता है। गर्भ गृह में शेषनाग की मूर्ति है। हिंदू धर्म में शेषनाग को लक्ष्मण का अवतार माना जाता है, इसलिए मंदिर को लक्ष्मण मंदिर के नाम से जानते हैं। मंदिर में लगी ईंटों के बीच में गैप ना के बराबर है। ईंटों को जोड़ने के लिए सिमेंट की जगह आयुर्वेदिक लेप का यूज किया गया है। लक्ष्मण मंदिर की एक और खासियत यह है कि इसे प्रेम का प्रतिक माना जाता है। सिरपुर में कई और मंदिर हैं जो 11वीं 12वीं शताब्दी में आए भूकंप और महानदी के आए बाढ़ में ढह या बह गए मगर लक्ष्मण मंदिर वैसा का वैसा अभी भी खड़ा है। मंदिर के बाहरी भाग में लगी ईंटों में भी सुंदर नक्काशी की गई है। भारत में यह इकलौता मंदिर है जिसमें ईंटों में नक्काशी की गई है। लक्ष्मण मंदिर के बगल में ऐतिहासिक कुआं है। इसकी खासियत है कि यह गोल ना होकर अंडाकार है। यह कुंआ ओवरशेप में बना हुआ है, इस कारण ये अभी तक ध्वस्त नहीं हुआ है।  

लक्ष्मण मंदिर के बैक साइड में तीन म्यूजियम

लक्ष्मण मंदिर के बैक साइड में तीन म्यूजियम बने हुए हैं। दो म्यूजियम के अंदर 1953 से 2011 के दौरान खुदाई में मिली मूर्तियां रखी गई हैं। ये मूर्तियां 6वीं से 9वीं शताब्दी की बताई जाती हैं। करीब 1500 साल से 1600 साल पुरानी। तीसरे म्यूजियम में फ्लैक्श द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ सहित भारत के प्राचीन मंदिरों की जानकारी बताई गई है। म्यूजियम में रखी मूर्तियां सिरपुर के 10 किलोमीटर के एरिया में खुदाई के दौरान मिली हैं। म्यूजियम के एंट्री गेट पर द्वारपाल के रूप में दो सैंड स्टोन की बनी मूर्तियां रखी गई हैं। म्यूजियम के बाहर पत्थर का बना नोटिस बोर्ड लगा हुआ है।

म्यूजियम में पंच मुखी शिवलिंग

खुराई में मिला पंच मुखी शिवलिंग।

खुराई में मिली मुर्तियों में पशुपतिनाथ की मूर्ति जो पंच मुखी शिवलिंग के रूप में है सबसे खास है। एक और शिवलिंग जो दूसरे म्यूजियम में रखा गया है बेहद खास है। यह तीन भाग में बना हुआ है। पहला भाग चार कोण वाला है जिसे ब्रह्मा का प्रतीक माना जाता है। दूसरा भाग अष्ट कोण वाला है जिसे भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है और तीसरा सबसे ऊपरी भाग गोलाकार रूप में है जो भाग शिव का प्रतीक है। ऐसे शिवलिंग की पूजा करने से हम एक साथ भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पूजा करते हैं।

सिरपुर में भूकंप रोधी सुरंग टीला

भूकंप रोधी सुरंग टीला।


सिरपुर में भगवान शिव को समर्पित सुरंग टीला है। यह भूकंप रोधी है। तीवर बुद्ध विहार में बुद्ध की बैठी हुई सुंदर प्रतिमा के अलावा कई बौद्ध विहार हैं। सिरपुर में विश्व के प्राचीन बाजार के अवशेष हैं, जहां नदी मार्ग से व्यापार की सुविधा थी। यहां देश विदेश से व्यापारी आते थे। महानदी के तट पर गंधेश्वर महादेव मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर में स्थापित शिवलिंग से कई तरह की गंध आती है इस कारण इसे गंधेश्वर महादेव कहा जाता है। सिरपुर में देखने के लिए राम मंदिर भी है। यह लक्ष्मण मंदिर के पास ही स्थित है। मंदिर अब अवशेष के रूप में बचा हुआ है। सिरपुर में स्वास्तिक बिहार के अवशेष भी हैं।

रायपुर से सिरपुर की दूरी

रायपुर से सिरपुर करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर हैं। रायपुर से सिरपुर तक की हाइवे की स्थित बहुत अच्छी है। कार, टैक्सी और बस से सिरपुर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। नजदीकी रेलवे स्टेशन महासमुंद है। दूसरे राज्यों से आने वालों के लिए रायपुर एयरपोर्ट नजदीक है। सिरपुर में ठहरने के लिए कई सुविधा है। इसमें धर्मशाला, रिसॉर्ट और रेस्टहाउस शामिल हैं। यहां के विभिन्न धर्मों के मंदिरों में भी रुकने की व्यवस्था है। रिसॉर्ट और रेस्टहाउस की ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है। बुकिंग के लिए यहां क्लिक कीजिए। मोबाइल नंबर 9584003002 से भी रिसॉर्ट और रेस्टहाउस की बुकिंग की जा सकती है। 

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