Tiger Point Waterfall Mainpat | 60 फीट की ऊंचाई से गिरता है झरना | जानिए किस मौसम में जाएं यहां | सुरक्षा के लिए किन बातों का रखें ध्यान | टाइगर प्वाइंट के साथ मैनपाट में कुछ रहस्यमयी जगहें भी हैं

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इस पोस्ट में मैनपाट में स्थित टाइगर प्वाइंट वॉटरफॉल की बात करेंगे। छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में टाइगर प्वाइंट वॉटरफॉल पिकनिक मनाने और घूमने के लिए बेस्ट लोकेशन है। 60 फीट की ऊंचाई से गिरता यह जलप्रपात महादेव मुड़ा नदी का हिस्सा है। जंगल के बीच स्थित यह वॉटरफॉल बहुत ही खूबसूरत है। यहां आस पास बड़े बड़े पेड़ और दूर दूर तक फैले हरे-भरे पहाड़ दिखते हैं।

बारिश के दिनों में टाइगर प्वाइंट वॉटरफॉल पूरे उफान पर होता है।

टाइगर वॉटरफॉल के डरावने रूप को बरसात के दिनों में देखा जा सकता है जब यह सामान्य दिनों के अपेक्षा पूरे विकराल रूप में गिरता है। गर्मी के दिनों में वॉटरफॉल करीब-करीब सूख जाता है। टाइगर प्वाइंट के अलावा यहां देखने के लिए मेहता प्वाइंट, फिश प्वाइंट और कुछ रहस्यों को समेटे हुए पाताल कुंआ, जलजली, उल्टापानी है। इसे देखने के लिए पूरे भारत से लोग यहां आते हैं। इसके अलावा तिब्बती लोगों की बस्तियां भी यहां हैं। इनके कल्चर और रहन-सहन को करीब से जानने के लिए आप यहां आ सकते हैं।   


टाइगर प्वाइंट पिकनिक मनाने के लिए बेस्ट

टाइगर प्वाइंट वॉटरफॉल पिकनिक मनाने के लिए बेस्ट लोकेशन है। यहां आप दोस्तों या परिवार के साथ पिकनिक मनाने का प्लान बना सकते हैं। हर मौसम में पर्यटक यहां पिकनिक मनाते हुए दिख जाएंगे। वॉटरफॉल के लेफ्ट साइड से निचे जाने के लिए रास्ता बना हुआ है जो सिढ़ी के रूप में है। करीब 175 सिढ़ियां ऊतरकर आप जलप्रपात के निचले साइड तक पहुंच सकते हैं। यहां पर आप नहा भी सकते हैं। कई पर्यटक आपको यहां नहाते हुए दिख जाएंगे।


टाइगर प्वाइंट नाम क्यों पड़ा

मैनपाट अपने वैदर के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में फेमस है। पर्यटकों के लिए यहां का हर मौसम खास होता है। इस जगह पर ज्यादा गर्मी नहीं पड़ती। हिल स्टेशन होने के कारण ठंड के दिनों में यहां घना कोहरा होता है। यहां बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है। बरसात के दिनों में बर्फबारी भी होती है। स्थानीय लोगों के अनुसार किसी समय में टाइगर यहां आकर पानी पीते थे, इस कारण से इस जगह को लोग टाइगर प्वाइंट के नाम से जानते हैं।


टाइगर व्यूप्वाइंट से दिखता है शानदार नाजारा

टाइगर प्वाइंट के व्यू प्वाइंट से शानदार नजारा दिखता है।

पर्यटकों के लिए यहां व्यूप्वाइंट बनाया गया है। वॉटरफॉल और यहां की प्राकृति सुंदरता को निहारने के लिए व्यूप्वाइंट बेहद खास जगह है। इस जगह से जलप्रपात को ऊपर से नीचे गिरते हुए पूरा देखा जा सकता है। वॉटरफॉल के पास ही एक चैकडैम का निर्माण किया गया है। यह इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है।


अंबिकापुर से टाइगर प्वाइंट की दूरी, इन बातों का रखें ध्यान

सड़क मार्ग से टाइगर प्वाइंट तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। पर्सनल व्हीकल, टैक्सी और बस से आप यहां तक पहुंच सकते हैं। घुमवदार सड़क और पेड़-पौधों से घिरे इस जगह में आपको पर्यटक एंजॉय करने हुए मिल जाएंगे। अंबिकापुर से करीब 60 किलोमीटर, कोरबा से अंबिकापुर मार्ग होते हुए करीब 200 किलोमीटर, रायपुर से करीब 350 किलोमीटर की दूरी पर टाइगर प्वाइंट वॉटरफॉल स्थित है। नजदीकी रेलवे स्टेशन अंबिकापुर है। बरसात के मौसम में यहां तक पहुंचने वाली सड़कों की स्थित कई जगह खराब होती है। वॉटरफॉल के पास भी फिसलन ज्यादा हो जाती है। खासकर सिढ़ी से नीचे जाने वाला रास्ता ज्यादा खतरनाक हो जाता है। बरसात में वॉटरफॉल के निचले हिस्से में जाने से बचना चाहिए। अक्टूबर से मार्च तक का समय यहां आने के लिए बेस्ट है।


टाइगर प्वाइंट के पास पार्किंग की सुविधा

यहां आने वालों के लिए ओपन पार्किंग की सुविधा है। यह एकदम निशुल्क है। मेन सड़क से टाइगर प्वाइंट थोड़ा अंदर है। यहां पर बड़ी गाड़ियां जैसे बस, ट्रक नहीं आ सकते। यहां पर कार और टूव्हीलर आसानी से आ जाते हैं। अंदर आने वाली सड़क सकरी और घुमावदार है। जंगल के बीच स्थित इस जगह पर खाने-पीने की चीजें मिल जाती हैं। वैसे जब भी आप आएं तो अपने साथ खाने-पीने की चीजें कैरी करें।


टाइगर प्वाइंट वॉटरफॉल में सुरक्षा नियमों का करें पालन

टाइगर प्वाइंट वॉटरफॉल में नीचे जाने के लिए सीढ़ियां बनी हैं। 

वॉटरफॉल के ऊपर और नीचे के हिस्से में पत्थर ही पत्थर हैं। ऊपरी हिस्से में सुरक्षा के लिए रेलिंग बनाई गई है। नीचे जाने वाली सिढ़ियों को भी रेलिंग के माध्यम से सुरक्षित किया गया है। आप जब भी जाएं तो रेलिंग के अंदर रहकर ही इस प्राकृतिक झरने का लुत्फ उठाएं। रेलिंग से आगे जाकर सेल्फी लेने या फोटो लेने की कोशिश ना करें। कुछ ऐसे हादसे हुए हैं जिनमें पर्यटक की जान तक चली गई है। इसका प्रमुख कारण रेलिंग पर चढ़ना या उसके पार चले जाना था।


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1 टिप्पणी

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