Rani Jharna Korba | 100 फीट की ऊंचाई से गिरता है झरना | तीन किलोमीटर ट्रैकिंग करना होता है | यहां जाने के लिए एक निश्चित समय तय है

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इस पोस्ट में कोरबा जिले के रानी झरना की बात करेंगे। कोरबा शहर से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर जंगल के बीच में खूबसूरत रानी झरना स्थित है, जो करीब 100 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। यह कोरबा जिले में सबसे ज्यादा ऊंचाई से गिरने वाला वॉटरफॉल है। यहां पहुंचने के लिए पर्यटकों को तीन किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ती है। यह जगह खूबसूरत घने जंगल और ऊंचे ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है। वॉटरफॉल से तीन किलोमीटर पहले अजगरबहार है, जहां पर पार्किंग की सुविधा है। ग्रामीणों द्वारा इस पार्किंग का निर्माण किया गया है। पार्किंग में बाइक रखने का शुल्क 20 रुपए है। 


झरना में 100 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है। 

पार्किंग की जगह से ट्रैकिंग करते हुए वॉटरफॉल तक पहुंचा जाता है। ट्रैकिंग वाले रास्ते में खूबसूरत घने जंगल, ऊंचे ऊंचे पहाड़, बड़े-बड़े पेड़ और विशाल पत्थर हैं, जिन्हें पार कर वॉटरफॉल तक पहुंचा जाता है। रास्ते में जंगली जानवर भी दिखते हैं, इनसे खतरा भी रहता है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। बारिश के दिनों में रानी झरना के आस-पास और छोटे-छोटे झरने दिखते हैं।   


रानी झरना के रास्ते में घने जंगल और पहाड़ 

ट्रैकिंग में थकान बहुत होती है।

रानी झरना तक पहुंचने वाला रास्ता कच्चा है। इसमें घने जंगल, ऊंचे ऊंचे पहाड़, बहता पानी और विशाल चट्टान हैं। अगर आप ट्रैकिंग के दिवाने हैं तो यह जगह आपके लिए बेस्ट है। रास्ते में जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है। यह रास्ता एडवेंचर से भरा हुआ है। दोस्तों के साथ आप यहां का प्लान बना सकते हैं।  

रानी झरना जाते समय प्यास लगती है

रानी झरना जब भी जाएं अपने साथ खाने-पीने की चीजें जरूरी कैरी करें। खास कर 2 से 3 लीटर पानी जरूरी रखें। जंगल में ट्रैकिंग के दौरान पानी की जरूरत पड़ती ही है। झरना तक पहुंचने वाले उबड़-खाबड़  रास्ते में विशाल चट्टान, गिरे हुए सूखे पेड़ और बहुत हुआ पानी पार करना होता है। इस दौरान थकान बहुत होती है। ऐसे में प्यास ज्यादा लगती है। जब भी आएं बेहतर ट्रैकिंग शूज पहनकर आएं। इससे पैदल चलते समय आपको परेशानी कम होगी।

रानी झरना जाएं तो समय का ध्यान रखें

रानी झरना घने जंगलों के बीच में स्थित है। जंगल के बीच में होने के कारण यहां जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने यहां आने और वापस लौटने के लिए समय तक किया हुआ है। सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक का समय तय है। इस दौरान ही आपको आकर वापस लौट जाना होता है। ज्यादा शाम होने पर जंगली जानवरों का खतरा बढ़ जाता है।      

रानी झरना से आगे भी है झरना 

रानी झरना से आगे जाने पर एक और झरना मिलता है। यहां तक पहुंचना और कठिन है। रास्ता घने जंगल और पहाड़ से होकर गुजरता जो अभी ज्यादा प्रचलित नहीं है। रास्ते की सही जानकारी भी लोकल लोगों को ही है। अगर कोई लोकल व्यक्ति साथ में जाएं तो उनके साथ आप इस छुपे हुए झरने को देख सकते हैं। छोटे बच्चों और लेडिस के लिए यहां तक का सफर मुश्किलों भरा है। 

कोरबा से रानी झरना की दूरी, कैसे जाएं

बिलासपुर से करीब 120 किलोमीटर, कोरबा से करीब 25 किलोमीटर और अंबिकापुर से करीब 160 किलोमीटर की दूरी पर रानी झरना स्थित है। अजगरबहार तक आप पर्सनल व्हीकल, टैक्सी या बाइक से जा सकते हैं। यहां से आगे वॉटरफॉल तक जाने के लिए आपको ट्रैकिंग ही करना होता है। शुरुआती करीब 500 मीटर का रास्ता आसान है। उसके आगे पत्थर, घने जंगल, पहाड़ और पानी के बहाव वाली जगहों को पार कर आगे बढ़ना होता है। यह थोड़ा कठिन है। परिवार के साथ आने वाले लोगों को यहां परेशानी हो सकती है। यहां की प्लानिंग दोस्तों के साथ की जा सकती है। बहुत जरूरी ना हो तो बच्चों को यहां ना लाएं क्योंकि जंगली जानवरों का खतरा यहां बना रहता है। 

रानी झरना के पास नहाने से बचें

झरने के पास कई पर्यटक नहाने के लिए पानी में उतर जाते हैं। कई ऊंचे ऊंचे चट्टानों पर चढ़कर पानी में छलांग भी लगाते हैं। नहाते समय ज्यादा गहराई की ओर ना जाएं और ऊंचाई से झरने के पानी में छलांग भी नहीं लगाएं। किसी तरह का हादसा होने पर यहां से बाहर निकलना आसान नहीं है। आस-पास किसी तरह की कोई सुविधा भी नहीं है। 


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