Maa Bamleshwari Mandir Dongargarh Chhattisgarh | Choti Maa Bamleshwari Mandir | Pragyagiri Dongargarh | जानिए मां बमलेश्वरी देवी मंदिर के बारे में | रायपुर से मां बम्लेश्वरी मंदिर की दूरी | 16 सौ फीट की ऊंचाई पर मां का दरबार

Hello Everyone

इस पोस्ट में राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ शहर में स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर की बात करेंगे। राजधानी रायपुर से करीब 110 किलोमीटर की दूरी पर 1600 फीट की ऊंचाई पर मां बम्लेश्वरी देवी का मंदिर है। मंदिर करीब 2000 साल पुराना बताया जाता है। मंदिर को लेकर कई किंवदंतियां हैं। मां के दर्शन के लिए भक्तों को करीब 1000 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। पहाड़ी की चोटी पर जाने के लिए रोपवे की सुविधा भी है। इस एडवांस रोपवे से 4 से 5 मिनट में श्रद्धालु माता के दरबार के करीब तक पहुंच जाते हैं। नवरात्र में यहां बहुत भीड़ होती है। 

मां बम्लेश्वरी देवी।


माता के दर्शन को पूरे छत्तीसगढ़ से श्रद्धालु नंगे पांव आते हैं। छोटी मां बम्लेश्वरी का मंदिर पहाड़ी के नीचे स्थित है। यह मंदिर बहुत भव्य और सुंदर है। मां बम्लेश्वरी के दर्शन को आएं तो छोटी मां के दर्शन भी जरूरी करें। डोंगरगढ़ में अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। इसमें हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन और ईसाई धर्म की आबादी है। परिवार, दोस्तों के साथ माता के दर्शन का प्लान बना सकते हैं। यहां आएं तो दूरबीन लेकर आएं। पहाड़ी पर बने व्यू प्वाइंट से आस-पास की जगहों को दूरबीन के माध्यम से करीब से देख पाएंगे। 


रोपवे की सुविधा, मां बम्लेश्वरी मंदिर

रोपवे से कम समय में भक्त माता के दरबार में पहुंच जाते हैं। 


श्रद्धालुओं को मां बम्लेश्वरी मंदिर तक पहुंचने के लिए ऊंची चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। मां के आर्शीवाद से श्रद्धालु धीरे-धीरे दरबार तक की चढ़ाई पूरी कर लेते हैं। श्रद्धालुओं के लिए यहां रोपवे की सुविधा भी है। चढ़ाई की शुरुआत में संकट मोचन भगवान हनुमान का मंदिर है। यहां से आगे बढ़ने पर कई प्रसाद की दुकानें मिलती हैं। यहां से आप प्रसाद इत्यादी खरीद सकते हैं। फोटोग्राफी की दुकाने भी चढ़ाई के दौरान मिलती हैं। आधी चढ़ाई पर विश्राम हॉल की सुविधा है। यहां से आगे बढ़ने पर रास्ते में शेषनाग का मंदिर मिलता है। मंदिर की बाहरी दिवारों और गुंबद पर कई शेषनाग बने हुए हैं। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग और शेषनाग विराजित हैं। और आगे की चढ़ाई में पहाड़ी पर बना मंदिर समिति का ऊपरी कार्यालय मिलता है। यहां पर भंडारे की सुविधा है। यहां पर शू स्टैंड भी बना है, जहां आप निशुल्क जुते-चप्पल रख सकते हैं। यहां पर हाथ-पैर धोने की सुविधा है। रोपवे की सुविधा श्रद्धालुओं को यहीं तक मिलती है। माता के दरबार तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को इसके आगे करीब और 100 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। 


बैलेंसिंग रॉक, मां बम्लेश्वरी मंदिर 

व्यू प्वाइंट के पास स्थित बैलेंसिंग रॉक।  

 

ऊपर स्थित कार्यालय से और आगे बढ़ने पर चढ़ाई में तीन और मंदिर हैं। इसमें पहला शिवलिंग मंदिर, दूसरा दादी मां मंदिर और तीसरा भैरव मंदिर। तीनों मंदिर आपस में लगे हुए हैं। मंदिरों के ऊपर बैलेंसिंग रॉक देखने को मिलता है। इसके नीचे से होकर श्रद्धालु आगे की ओर बढ़ते हैं। यहां से करीब 50 सीढ़ी और चढ़ने पर श्रद्धालु माता के दरबार तक पहुंच जाते हैं। मां के दरबार से डोंगरगढ़ शहर का सुंदर नजारा दिखता है। यहां से दूरबिन से बुद्ध टेंपल भी दिखता है। यहां से डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन भी दिखता है। दरबार के फर्श और दिवारों को सफेद संगमरमर से सजाया गया है। सीलिंग को ग्लास का प्रयोग कर आकर्षक ढंग से सजाया गया है। 


व्यू प्वाइंट, मां बम्लेश्वरी मंदिर

व्यू प्वाइंट से डोंगरगढ़ का नजारा।


श्रद्धालुओं के लिए ऊपर स्थित मंदिर कार्यालय के पास व्यू प्वाइंट बनाया गया है। व्यू प्वाइंट से डोंगरगढ़ शहर और आस-पास का भव्य नजारा दिखता है। व्यू प्वाइंट से नीचे जाती हुई ट्रेन को देखना बहुत सुंदर लगता है। व्यू प्वाइंट के पास ही बैलेंसिंग रॉक देखने को मिलता है। इसमें एक बड़ा चट्‌टान छोटे से चट्‌टान पर ऊपर टिका हुआ है, जो आगे की तरफ निकला हुआ है। पहाड़ी पर आपको बड़ी-बड़ी चट्‌टानें देखने को मिलती है। व्यू प्वाइंट के पास ही कार्यालय के पास भंडारे की सुविधा है।  

 

मां बम्लेश्वरी मंदिर, नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़

मां बम्लेश्वरी मंदिर में नवरात्र के दिनों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। लाखों श्रद्धालु रायपुर, भिलाई, दुर्ग, बिलासपुर, भाटापारा, मुंगेली सहित पूरे प्रदेश से खाली पैर पद यात्रा करते हुए माता के दर्शन को डोंगरगढ़ पहुंचते हैं। नवरात्र में यहां ज्योति कलश प्रज्जवलित की जाती है। ज्योति कलश की बुकिंग के लिए सालों पहले से श्रद्धालुओं द्वारा बुकिंग कराई जाती है। ज्योति कलश के लिए लंबी वेटिंग होती है।

 

चढ़ाई के दौरान बंदरों से रहें सर्तक

पहाड़ी की चोटी पर स्थित मां का मंदिर। यहां जाने के दौरान रास्ते में बंदर से सावधान रहें। 


चढ़ाई के दौरान सीढ़ियों पर और आस-पास बहुत से बंदर दिखते हैं। आधी चढ़ाई के बाद बंदरों की संख्या ज्यादा है। यह बंदर श्रद्धालुओं के हाथों से खाने-पीने की चीजें छीन लेते हैं। ऐसे में आप बंदरों को ध्यान में रखकर चढ़ाई करें। खाने-पीने की चीजों को बैग के अंदर रखें। छोटे बच्चों के हाथों में कुछ भी खाने-पीने की चीजें ना दें। बंदर आसानी से इनसे खाने-पीने की चीजें छीन लेते हैं। कोरोना कॉल के दौरान मां बम्लेश्वरी मंदिर तक जाने वाली सीढ़ियों को और बेहतर किया गया है। अब सीढ़ियां पहले से चौड़ी और आरामदायक हो गई हैं। 


छोटी मां बम्लेश्वरी मंदिर, डोंगरगढ़

छोटी मां बम्लेश्वरी मंदिर।


छोटी मां बम्लेश्वरी का मंदिर पहाड़ी के नीचे ही स्थित है। इन्हें मां बम्लेश्वरी का छोटी बहन कहा जाता है। छोटी मां का मंदिर बहुत भव्य और सुंदर बना हुआ है। मंदिर के अंदर भगवान शंकर-पार्वती, विष्णु-लक्ष्मी के भी दर्शन होते हैं। मंदिर प्रांगण अन्य भगवान के भी मंदिर हैं। ट्रेन से गुजरने वाले यात्रियों को भी मंदिर के दर्शन हो जाते हैं। पहाड़ी के नीचे एक तालाब है। श्रद्धालुओं के लिए यहां पर बोटिंग की सुविधा है। तालाब के पास ही एक छोटा पार्क बना हुआ है। पार्क में बच्चों के लिए स्लाइडर, झूले आदि लगे हुए हैं।


प्रज्ञागिरी डोंगरगढ़, 30 फीट ऊंची बुद्ध की प्रतिमा

प्रज्ञागिरी में पहाड़ी की चोटी पर गौतम बुद्ध की 30 फीट ऊंची प्रतिमा।


मां बम्लेश्वरी मंदिर से कुछ दूरी पर प्रज्ञागिरी है। यहां भी पहाड़ी की चोटी पर बैठक की मुद्रा में 30 फीट ऊंची गौतम बुद्ध की बड़ी सी प्रतिमा है। 6 फरवरी 1998 को प्रतिमा का विधिवत स्थापना हुआ था। इस दौरान कई देशों से बुद्ध के अनुयायी यहां आए थे। डोंगरगढ़ में यह भी आकर्षण का केंद्र है। प्रतिमा तक पहुंचने के लिए करीब 225 सीढ़ियां चढ़नी होती है। हर साल 6 फरवरी को बुद्ध स्थापना दिवस को यहां पर सेलिब्रेट किया जाता है। इस दौरान देश-विदेश से अनुयायी यहां पहुंचते हैं।


रायपुर से डोंगरगढ़ की दूरी

राजधानी रायपुर से डोंगरगढ़ करीब 110 किलोमीटर की दूर पर है। राजनांदगांव से डोंगरगढ़ की दूरी करीब 25 किलोमीटर है। यहां आप बाइक, कार, टैक्सी और बस से जा सकते हैं। सड़क मार्ग से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। सड़क की स्थित की बात करें तो यह बहुत अच्छी स्थिति में है। नजदीकी रेलवे स्टेशन डोंगरगढ़ है। दूसरे प्रदेश से आने वालों के लिए रायपुर एयरपोर्ट पास है। डोंगरगढ़ में ठहरने के लिए होटल, रिसॉर्ट और धर्मशाला की सुविधा है। इसकी बुकिंग आप ऑनलाइन, ऑफलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं। मोबाइल नंबर 9584003002 से भी कमरे बुक किए जा सकते हैं। 


यह भी पढ़ें:- Rajim Chhattisgarh
यह भी पढ़ें:- Laxman Mandir Sirpur


एक टिप्पणी भेजें

Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.