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इस पोस्ट में राजधानी रायपुर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर नवा रायपुर स्थित नंदनवन जंगल सफारी की बात करेंगे। नंदनवन जंगल सफारी पूरी तरह से मैन मेड है। इसकी खासियत है कि इसके एक हिस्से में जू भी बनाया गया है। करीब सवा दो सौ करोड़ के इस प्रोजेक्ट में अभी तक 100 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। शहर में बनाया गया यह मैन मेड जंगली सफारी भारत का सबसे बड़ा सफारी है। नवा रायपुर के सेक्टर 39 में स्थित जंगल सफारी में जानवर और पक्षी के साथ कई किस्म के फूल व वनस्पति देखने को मिलते हैं।
जंगल सफारी। |
करीब 800 एकड़ में फैले जंगल सफारी का उद्घाटन 1 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। सफारी से लगा हुआ जू है जो 125 एकड़ में फैला हुआ है। सफारी के अंदर 130 एकड़ में फैला खांडवा जलाशय भी है। यह प्रवासी पक्षियों का आश्रय स्थल है। यहां कई किस्म के पक्षी देखने को मिलते हैं। जलाशय के पास स्थित गांव के नाम पर जलाशय का नाम खांडवा जलाशय रखा गया है।
जंगल सफारी में लगाए 55 हजार पौधे
मैन मेड जंगल सफारी को जानवरों के अनुकुल बनाने के लिए 55 हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं। जंगल सफारी और जू में अभी भी डेवलप का काम चल रहा है। छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य है जहां नवा रायपुर में जंगल सफारी और जू अगल-बगल डेवलप किए गए हैं। सफारी को और खास बनाने के लिए यहां विदेशों से जानवरों को लाने का काम चल रहा है। इनके आने से पर्यटकों को यहां कुछ खास देखने को मिलेगा। सफारी के अंदर बोर्ड के माध्यम से क्या करें और क्या ना करें की जानकारी दी गई है। जब भी सफारी आएं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
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कितने एकड़ में फैला है जंगल सफारी
नंदनवन जंगल सफारी और जू के गेट एक साथ बने हुए हैं। जो देखने में भव्य हैं। |
जंगल सफारी 800 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें अभी तक 4 सफारी बनाए गए हैं। सफारी में और डेवलपमेंट का काम चल रहा है। 4 सफारी में बाघ सफारी, शेर सफारी, भालू सफारी और हिरण सफारी बन गए हैं। बाघ सफारी 50 एकड़, शेर सफारी 50 एकड़, भालू सफारी 50 एकड़ और हिरण सफारी 75 एकड़ में फैला हुआ है। जंगल सफारी को जानवरों के अनुसार डेवलप किया गया है।
कितने एकड़ में फैला है जंगल सफारी जू
नंदनवन जंगल सफारी जू 125 एकड़ में फैला हुआ है। जू के अंदर वाइट टाइगर, लेपर्ड, एशियाटिक लायन, रॉयल बंगाल टाइगर, हिमालयन बीयर, हिप्पोपोटामस, लकड़बग्घा, सियार, नीलगाय, काला हिरण आदि रखे गए हैं। जू में 18 बाड़े बनाए जा चुके हैं और 10 बाड़े बनाए जाने हैं। बाड़े में कैद जानवर के संबंध में बाड़े के बाहर बोर्ड लगाकर उनके बारे में जानकारी दी गई है। जू के अंदर एक छोटा सा गार्डन बना हुआ है। यहां फैमिली या फ्रेंड के साथ समय बीता सकते हैं।
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जंगल सफारी में बना है चेंदरू चौक
जंगल सफारी में चेंदरू चौक का निर्माण किया गया है। चेंदरू यानी द टाइगर ब्वॉय। चेंदरू ऐसे व्यक्ति थे जो बचपन से बाघ के साथ खेला करते थे। चेंदरू का पूरा नाम चेंदरू मंडावी था। हॉलीवुड में चेंदरू को लेकर कई मूवी बन चुकी है। सफारी के अंदर गार्डन भी बना हुआ है। यहां परिवार या दोस्तों के साथ आप समय बिता सकते हैं।
जंगल सफारी नवा रायपुर टिकट दर
नवा रायपुर जंगल सफारी घूमने के लिए टिकट लेना होता है। टिकट दर इस प्रकार है। व्यस्क के लिए 150 रुपए, बच्चों के लिए 50 रुपए और 12 साल से छोटे बच्चों के लिए सफारी में एंट्री पूरी तरह से फ्री है। दूसरे देश के लोगों यानी विदेशी लोगों के लिए टिकट दर अलग है। एक व्यस्क विदेशी व्यक्ति का टिकट दर 1000 रुपए है और विदेशी बच्चे का 800 रुपए है। सफारी घूमने वाले लोगों को बस में घुमाया जाता है। सफारी या जू के अंदर वीडियो कैमरा ले जाने के लिए 500 रुपए का टिकट लेना होता है। वहीं डिजिटल या स्टिल कैमरा के लिए 100 रुपए का टिकट लेना होता है। भारतीय दिव्यांग के लिए जंगल सफारी या जू में एंट्री फ्री है। स्पेशल केस में आने वाले लोगों को अलग से जिप्सी में सफारी का भ्रमण कराया जाता है।
जंगल सफारी जू टिकट दर
जू घूमने के लिए अलग टिकट दर तय है। इसमें व्यस्क के लिए 100 रुपए, बच्चों के लिए 25 रुपए और 12 साल से छोटे बच्चों के लिए जू में एंट्री पूरी तरह से निशुल्क है। विदेशी लोगों के लिए टिकट दर अलग है। एक व्यस्क विदेशी व्यक्ति का टिकट दर 500 रुपए और विदेशी बच्चे का 400 रुपए है।
जंगल सफारी में बोटिंग टिकट दर
जंगल सफारी में बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। 12 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए 100 रुपए और 6 वर्ष से 12 वर्ष तक के बच्चों का 50 रुपए का टिकट लगता है। बोटिंग में करीब 15 मिनट का समय लगता है। बोटिंग को सुबह 11 से शाम 5:30 बजे तक एंजॉय कर सकते हैं। ठंड के दिनों सूरज ढलने से पहले तक बोटिंग की सुविधा होती है।
जंगल सफारी ऑनलाइन बुकिंग
जंगल सफारी बुकिंग के लिए 74406-06000 पर कॉल कर सकते हैं या ऑनलाइन भी बुकिंग की जा सकती है। बुकिंग के लिए यहां क्लिक करें। जंगल सफारी की ऑफलाइन बुकिंग सफारी के पास स्थित बुकिंग काउंटर से होती है। जंगल सफारी में ठंड के दिनों में यानी अक्टूबर से फरवरी तक सुबह 9:30 से दोपहर 3:30 बजे तक एंट्री होती है। वहीं गर्मी और सामान्य दिनों में यानी मार्च से सितंबर के बीच सुबह 10 से शाम 4 बजे तक एंट्री दी जाती है।
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रायपुर रेलवे स्टेशन से जंगल सफारी की दूरी
कोरोना बीमारी की पहली और दूसरी लहर में नंदनवन जंगल सफारी को बंद रखा गया था जिसे अब खोल दिया गया है। यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या अब धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। कोविड से पहले यहां साल में करीब 2 से 3 लाख लोग आया करते थे। सफारी खुलने के बाद अब अब फिर से पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है। दूरी की बात करें तो राजधानी रायपुर में रायपुर रेलवे स्टेशन से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर नंदनवन जंगल सफारी और जू स्थित है। पूरे छत्तीसगढ़ से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से नवा रायपुर में स्थित जंगल सफारी तक पहुंचा जा सकता है। आप बस, कार, टैक्सी या स्वयं के वाहन से यहां तक पहुंच सकते हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन से जंगल सफारी के लिए आसानी से सरकारी बसें मिल जाती हैं। बस में 30 रुपए का टिकट लगता है। जंगल सफारी से रायपुर एयरपोर्ट 15 किलोमीटर की दूरी पर है। जहां कार, बस से जाया जा सकता है।
जंगल सफारी में इन बातों का ध्यान रखें
जंगल सफारी आएं तो यहां के नियमों का पालन करें। सफारी में एंट्री गेट पर बोर्ड के माध्यम से जानकारी दी गई है कि यहां आएं तो क्या करें और क्या ना करें। वैसे ही जू एंट्री गेट पर भी क्या करें और क्या ना करें की जानकारी दी गई है। कचरा को डस्टबीन में ही डालें। जब भी आएं तो साथ में पानी बॉटल जरूर रखें। सफारी और जू घूमने में 2 घंटे से ज्यादा का समय लगता है जू में वॉक करते हुए घूमना होता है।
जंगल सफारी के पास पार्किंग सुविधा
नंदनवन जंगल सफारी के पास पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। आप पार्किंग में गाड़ी पार्क कर निश्चिंत होकर जंगल सफारी घूम सकते हैं। पार्किंग में कार के लिए 50 रुपए, बाइक के लिए 20 रुपए, ऑटो के लिए 30 रुपए और बस के लिए 100 रुपए का टिकट तय है। पार्किंग में शासकीय वाहनों से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
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क्या होता है जंगल सफारी
जंगल सफारी उसे कहते हैं जिसमें जंगली जानवर अपने प्राकृतिक आवास जैसी जगहों में रहते हैं। इसके अंदर उन्हें वैसा ही अनुभव होता है जैसे वो खुले जंगल में रह रहे हों। सफारी को देखने के लिए इंसान पिंजरे जैसी गाड़ी में कैद होकर जाता है जहां जानवर आजादी से घूमता दिखाई देता है। सफारी भ्रमण के दौरान जानवर हमेशा दिखाई नहीं देते। कई बार वो छुपकर बैठ जाते हैं या सफारी के अंदर बनाए गए रास्तों से दूर होते हैं। सफारी के अंदर बनाए गए रास्ते कच्चे होते हैं ताकि जानवरों को किसी तरह की परेशानी ना हो।
क्या होता है जू
नंदनवन जंगल सफारी जू में अटखेलियां करता तेंदुआ। |
जू जंगल सफारी से एकदम उल्ट होता है। यहां पर जंगली जानवरों को बड़े बड़े पिंजरों के कैद कर रखा जाता है। जू में इंसान जानवरों को करीब से देख पाता है। यहां इंसान आजादी से घूमते हुए जानवरों को पास से देखकर उनके बारे में जानकारी जुटाता है।
राजधानी रायपुर और नवा रायपुर में घूमने की जगह
राजधानी रायपुर और नवा रायपुर में कई जगहें हैं जहां पिकनिक या घूमने का प्लान बनाया जा सकता है। इनमें स्वामी विवेकानंद सरोवर जिसे बूढ़ा तालाब भी कहते हैं, तेलीबांधा तालाब, गांधी उद्यान, महामाया मंदिर, राम मंदिर, बंजारी माता मंदिर, लक्ष्मण झूला, नंदनवन जू, पुरखौती मुक्तांगन, कैवल्य धाम, नया रायपुर, एमएम फन सिटी, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय प्रमुख है।