Hello Everyone
इस पोस्ट में राजधानी रायपुर के कंकाली पारा में स्थित श्री कंकाली देवी मंदिर की बात करेंगे। करीब 700 साल पुराने इतिहास वाले इस मंदिर का निर्माण महंत कृपाल गिरी महाराज ने करवाया था। महाराज के सपने में माता ने दर्शन दिए जिसके बाद उन्होंने मंदिर का निर्माण करवाया। सालों पहले इस जगह पर श्मशान हुआ करता था, जहां आज कंकाली देवी का भव्य मंदिर है। श्री कंकाली देवी मंदिर के सामने एक 30 फूट गहरा तालाब है, जिसे कंकाली तालाब के नाम से पूरे छत्तीसगढ़ में जाना जाता है। रायपुर का यह ऐतिहासिक तालाब है। इस तालाब के बीच में एक छोटा शिव मंदिर है, जिसके गर्भ गृह में शिवलिंग स्थापित है। इस शिव मंदिर की खास बात है कि इसका ऊपरी हिस्सा ही पानी के ऊपर दिखाई देता है जबकि बाकी का हिस्सा तालाब के पानी में डूबा रहता है। पानी में डूबे होने के कारण कोई भक्त भगवान शिव की आराधना नहीं कर पाता।
श्री कंकाली देवी, कंकाली मंदिर रायपुर। |
वर्तमान में जहां श्री कंकाली देवी का भव्य मंदिर है वह जगह कभी विरान हुआ करती थी। यहां घने जंगल और श्मशान था। यहां नागा साधु तंत्र-मंत्र के साथ ध्यान किया करते थे। आज इस जगह पर घनी आबादी निवास करती है। देखने से लगता ही नहीं कि कभी यहां घने जंगल और शमशान रहे होंगे। समय के साथ-साथ श्री कंकाली देवी मंदिर का कई बार जिर्णोद्वार हुआ है।
यह भी पढ़ें:- Budheshwar Mahadev Mandir Raipur
कंकाली मंदिर में सिंह के दर्शन
कंकाली मंदिर में शिव मंदिर जैसा दृश्य दिखाई देता है। जहां सभी शिव मंदिर में शिवलिंग या भोलेनाथ की प्रतिमा के सामने नंदी की प्रतिमा स्थापित होती है। वहीं, इस कंकाली मंदिर में माता के सामने सिंह की प्रतिमा विराजमान है। मंदिर में मां के अलावा और कई देवी-देवताओं के दर्शन होते हैं। मंदिर के गर्भगृह में एंट्री के लिए दो द्वार बने हुए हैं। एक द्वार सामने तालाब की ओर से है जो मंदिर का मुख्य द्वार है। वहीं दूसरा द्वार मंदिर की पिछली साइड से है। इस ओर कंकाली बस्ती है। बस्ती के ज्यादातर श्रद्धालु इसी गेट से मंदिर में एंट्री करते हैं।
मंदिर प्रांगण में प्राचीन शिव मंदिर
कंकाली देवी मंदिर प्रांगण और तालाब के बीच में शिव मंदिर स्थित है। प्राचीन शिव मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग के दर्शन होते हैं। मान्यता के अनुसार कंकाली माता की पूजा के बाद भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। नवरात्र में कंकाली मंदिर में ज्योतिकलश प्रज्जवलित की जाती है। मंदिर में नवरात्र में देवी दुर्गा की प्रतिमा भी स्थापित की जाती है।
यह भी पढ़ें:- Maa Mahamaya Mandir Raipur
किसी मौसम में नहीं सूखता है तालाब
कंकाली तालाब बहुत चमत्कारिक माना जाता है। यह तालाब किसी मौसम में नहीं सूखता। प्रचंड गर्मी में जहां रायपुर के कई तालाब सूख जाते हैं वहीं इस तालाब में पानी भरा रहता है। साफ-सफाई के लिए कई बार तालाब का पानी खाली किया गया है पर उस दौरान भी तालाब का पानी पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाता। आस-पास के लोग तालाब में ज्वारा का विसर्जन करते हैं। तालाब के पानी में औषधीयगुण पाए जाते हैं। इस कारण लोग दूर-दूर से आकर तालाब के पानी को बोतल या किसी पात्र में भरकर घर ले जाते हैं। घर के सदस्य उस पानी से स्नान करते हैं।
तालाब में नहाने से रोगों से मिलती है मुक्ति
मान्यता है कि तालाब में नहाने से कई रोंगों से मुक्ति मिल जाती है। विशेषकर चर्च रोग और खुजली की समस्या से परेशान लोगों को जल्दी राहत मिल जाती है। तालाब के बीचों बीच भगवान शिव का मंदिर है। तालाब में सालों भर पानी भरा होने के कारण चाहकर भी कोई भक्त शिव की पूजा नहीं कर पाता।
साल में एक बार खुलते हैं कंकाली मठ के कपाट
कंकाली देवी मंदिर से थोड़ी दूरी पर कंकाली मठ स्थित है। इस मठ की खासियत है कि इसके अंदर नागा साधुओं के अस्त्र शस्त्र रखे हुए हैं, जो बहुत प्राचीन हैं। मठ में रहते हुए यही नागा साधु मां कंकाली की पूजा-अर्चना करते थे। साल में केवल एक बार विजयदशमी के दिन इन अस्त्र शस्त्र के दर्शन होते हैं। पूरे प्रदेश से श्रद्धालू मठ में रखे इन प्राचीन औजारों को देखने के लिए आते हैं। मठ में अस्त्र शस्त्र के अलावा कैंपस में कई प्राचीन शिवलिंग के दर्शन भी होते हैं। मठ में नागा साधुओं की समाधी भी है।
यह भी पढ़ें:- Banjari Mata Dham Raipur
किंवदंति के अनुसार जब भगवान राम और रावण में युद्ध हो रहा था तो मां कंकाली ने युद्ध के मैदान में प्रकट होकर भगवान राम को अस्त्र शस्त्र प्रदान किए थे। विजयदशमी के दिन ही भगवान राम ने रावण का वध किया था। इसी कारण विजयदशमी के दिन मठ के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।
रायपुर रेलवे स्टेशन से कंकाली मंदिर की दूरी
राजधानी रायपुर में रायपुर रेलवे स्टेशन से कंकाली पारा स्थित श्री कंकाली देवी मंदिर की दूरी करीब 3 किलोमीटर है। सड़क मार्ग द्वारा आसानी से रायपुर स्थित कंकाली देवी मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। आप बस, कार, टैक्सी या स्वयं के वाहन से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। शहर के हर क्षेत्र से यहां तक के लिए साधन उपलब्ध है। मंदिर के आस-पास पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। भीड़ होने पर पार्किंग की समस्या हो जाती है। रेल मार्ग की बात करें तो रायपुर छत्तीसगढ़ सहित देश के प्रमुख स्टेशनों से जुड़ा हुआ है। यहां के लिए आसानी से आपको कई ट्रेनें मिल जाएंगी। रायपुर एयरपोर्ट कंकाली मंदिर से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर है।