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इस पोस्ट में जगदलपुर शहर से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चित्रकोट वॉटरफॉल की बात करेंगे। यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात है। 90 फीट की ऊंचाई से इसकी धारा नीचे की ओर गिरती है। मौसम के अनुसार चित्रकोट वॉटरफॉल से गिरने वाली धाराओं की संख्या कम और ज्यादा होती रहती है। गर्मी में सबसे कम तीन और बरसात में बढ़कर यह सात धाराओं में गिरती है। मानसून में वॉटरफॉल करीब 150 मीटर चौड़ा हो जाता है। इन दिनों में वॉटरफॉल का विकराल रूप दिखता है। इस दौरान वॉटरफॉल के पानी का रंग लाल हो जाता है। वहीं, चांदनी रातों में यही पानी बिल्कुल सफेद दिखाई देता है। रात में गिरते चित्रकोट वॉटरफॉल की आवाज 3 से 4 किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है। चित्रकोट वॉटरफॉल को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है। बस्तर के इस खूबसूरत वॉटरफॉल को देखकर आप वॉव जरूर कहेंगे। इसे देखने देश ही नहीं विदेशों से भी पर्यटक यहां आते हैं।
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मानसून में चित्रकोट वॉटरफॉल का विकराल रूप दिखता है। |
चित्रकोट वॉटरफॉल देखने का सही समय जुलाई से अक्टूबर के बीच का है। वैसे सालों भर पर्यटक यहां आते रहते हैं। परिवार और दोस्तों के साथ आप यहां का प्लान बना सकते हैं। वॉटरफॉल के किनारे में विशालकाय शिवलिंग मंदिर है। बस्तर में देखने के लिए बहुत कुछ है। इसे धरती का स्वर्ग कहा जा सकता है। नक्सल आतंक के कारण कई खूबसूरत जगह अभी भी लोगों की पहुंच से दूर हैं।
इंद्रावती नदी पर है चित्रकोट वॉटरफॉल

चित्रकोट देखने का सही समय मानसून का मौसम है।

चित्रकोट वॉटरफॉल इंद्रावती नदी पर बना है जो इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है। यहां आने का सबसे बेस्ट समय मानसून है जब यह अपने विकराल रूप में होता है। इस समय इसकी गर्जना पर्यटकों में सिहरन पैदा करती है। वहीं, इसे देख लोग रोमांचित हो उठते हैं। तेज गिरते पानी से आस-पास कोहरे जैसा वातावरण बन जाता है। यह देखने में बहुत खूबसूरत और डरावना लगता है। गिरने पानी से हवा के साथ ऊपर उठती पानी की बूंदें जब शरीर पर पड़ती हैं तो आनंद की अनुभूति होती है। इन्हीं बूंदों से इंद्रधनुष जैसा नाजार भी बनता है।
चित्रकोट वॉटरफॉल में बोटिंग की सुविधा
चित्रकोट वॉटरफॉल की निचली साइड नदी में गहरा तालाब जैसा बड़ा एरिया है। इसमें बोटिंग की सुविधा है। वॉटरफॉल से गिरते तेज पानी से तालाब एरिया में तेज लहरें उठती हैं। बोटिंग के दौरान लहरों से बोट भी लहराती है। यह मजेदार के साथ डरावना होता है। बोटिंग से पहले सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों को नाविकों द्वारा लाइफ जैकेट दी जाती है। उसे पहनने के बाद ही बोटिंग की अनुमति होती है। तालाब जैसे बने नदी के हिस्से में उतरकर आप नहा सकते हैं। यहां से वॉटरफॉल को देखना एक अलग अनुभव है।
नीचे जाने के लिए बनीं हैं सीढ़ियां
रेस्ट हाऊस के बगल से सीढ़ियां बनीं हैं जो नीचे की ओर जाती हैं। इन सीढ़ियों से नीचे जाते समय जो दृश्य दिखता है वो बड़ा ही मनमोहक होता है। पेड़-पौधों से घिरी यह जगह पूरी तरह ग्रीनरी से ढंकी है। सीढ़ियों के अगल-बगल में कई शिवलिंग और बड़ी-बड़ी चट्टानें दिखती हैं। चट्टानों के बीच में भी पेड़-पौधे उगे हुए हैं। नदी के नीचे वाले तालाब एरिया में बड़ी बड़ी चट्टानें हैं। ऊपर से नीचे जाने के दौरान सावधानी से कदम बढ़ाएं। चट्टानों और छोटे-छोटे पत्थरों में ठोकर लगने का डर रहता है। नीचे में फोटोग्राफी की सुविधा भी है। यहां आप अपनी यादगार फोटो निकलवा सकते हैं। फोटोग्राफी की सुविधा ऊपर वाले एरिया में भी है। खुद आप सेल्फ या फोटो क्लिक करते हैं तो सावधानी के साथ ऐसा करें। खास कर वॉटरफॉल के बेहर करीब जाकर ऐसा करने से बचें।
चित्रकोट वॉटरफॉल में कैंपिंग की सुविधा
चित्रकोट वॉटरफॉल की दूसरी साइड में कैंपिंग की सुविधा है। यहां कैंपिंग कर आप दिन और रात दोनों समय में वॉटरफॉल की खूबसूरती और यहां के आस-पास स्थित घने जंगलों को देख सकते हैं। वॉटरफॉल की खूबसूरती को रात में देखने के लिए वॉटरफॉल के दोनों साइड लाइट की अच्छी व्यवस्था की गई है। पास में स्थित रेस्ट हाऊस से भी वॉटरफॉल का व्यू नजर आता है। यहां पर कई ऐसे व्यू प्वाइंट हैं जहां से आप वॉटरफॉल की शानदार फोटो खींच सकते हैं।
चित्रकोट वॉटरफॉल के पास सैकड़ों शिवलिंग
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वाॅटरफॉल के पास सैकड़ों की संख्या में शिवलिंग दिखते हैं। इनमें कुछ प्राचीन हैं। |
नाव से या दूसरी तरफ से चित्रकोट वॉटरफॉल के बेहद करीब जाने पर सैकड़ों शिवलिंग के दर्शन होते हैं। इनमें से कुछ शिवलिंग प्राचीन बताए जाते हैं। यहां की खास बात यह है कि शिवलिंग पर वॉटरफॉल से अपने आप जलाभिषेक होते रहता है। बहुत से पर्यटकों को इसकी जानकारी नहीं है। वो चित्रकोट वॉटरफॉल को देखकर लौट जाते हैं। यहां तक नहीं पहुंच पाते। यहां आकर करीब से शिवलिंग और वहां से वॉटरफॉल को देखना एक अलग ही अनुभव है। यहां पर शिवलिंग के अलावा मां दुर्गा और अन्य भगवान की प्रतिमा है।
जगदलपुर से चित्रकोट वॉटरफॉल का सफर
जगदलपुर से चित्रकोट वॉटरफॉल तक का सफर भी शानदार है। सड़क के दोनों किनारे खेत, जंगल और थोड़ी थोड़ी दूरी पर स्थित गांव और बाजार बहुत सुंदर दिखते हैं। खेतों में ज्यादातर धान की फसल लगी होती है जिसमें काम करते महिला और पुरुष किसान दिख जाते हैं। गांवों से निकलकर बाजार और अपने काम को जाते ग्रामीण आदिवासी अपनी वेश-भूषा में दिख जाते हैं। शहर के शोर-गुल से दूर यह सफर आपको शांति के साथ सुकून का अनुभव भी कराता है।
रायपुर से चित्रकोट वॉटरफॉल की दूरी
राजधानी रायपुर से करीब 280 किलोमीटर की दूरी पर चित्रकोट वॉटरफॉल स्थित है। जगदलपुर से यह करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग से यहां पहुंचा जा सकता है। सड़क की स्थित की बात करें तो जगदलपुर से चित्रकोट वॉटरफॉल तक की सड़क की स्थिति अच्छी है। आप कार, टैक्सी, बस या बाइक से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। रायपुर से जगदलपुर तक ट्रेन की सुविधा है। कोविड के कारण ट्रेन का संचालन अभी बंद है। वैस ट्रेन से जगदलपुर तक के सफर में भी शानदार नजारे देखने को मिलते हैं। जगदलपुर में एयरपोर्ट की सुविधा है, जो रायपुर से जुड़ा हुआ है। चित्रकूट में ठहरने के लिए रेस्ट हाऊस की सुविधा है। रेस्ट हाऊस की बुकिंग आप ऑनलाइन कर सकते हैं।
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