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इस पोस्ट में राजधानी रायपुर के महादेव घाट स्थित हटकेश्वर नाथ महादेव मंदिर, महादेव घाट गार्डन, लक्ष्मण झूला, जूना अखाड़ा और हनुमान मंदिर की बात करेंगे। प्राप्त शिलालेखों के अनुसार साल 1402 में कलचुरी राजा रामचंद्र के पुत्र राजा ब्रह्मदेव राय के शासनकाल में हाजीराज नाइक ने हटकेश्वर नाथ महादेव मंदिर का निर्माण करवाया था। करीब 600 साल पुराने हटकेश्वर महादेव मंदिर को चमत्कारिक मंदिर कहा जाता है। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग के रूप में स्थापित हटकेश्वर महादेव नागर ब्राहम्णों के संरक्षक माने जाते हैं। गर्भगृह में ही काले पत्थर से बनी भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और बरहादेव के दर्शन भी होते हैं।
हटकेश्वर महादेव मंदिर महादेव घाट रायपुर। |
मान्यता के अनुसार वनवास के दौरान जब भगवान राम सीता और लक्ष्मण यहां आए तो उस दौरान लक्ष्मण जी ने हटकेश्वर महादेव की स्थापना यहां पर की थी। किंवदंति के अनुसार हनुमान जी अपने कंधे पर शिवलिंग को लेकर आए। स्थापना से पहले वह ब्राह्मण देवता को आमंत्रण देने गए तो इसमें बहुत देर हो गई। देरी होने के कारण लक्ष्मण जी बहुत क्रोधित हो गए और खारुन नदी के तट पर शिवलिंग की स्थापना कर दी।
मंदिर के निर्माण में कलचुरी काल की वास्तुकला नजर आती है। मंदिर में अखंड धूनी प्रज्जवलित हो रही है। 600 सालों से जल रही इस धूनी की भभूत को साधु और भक्त अपने साथ ले जाते हैं। वर्तमान में महादेव घाट में 50 से अधिक छोटे बड़े मंदिर बने हुए हैं। इसमें अलग-अलग देवी-देवताओं के दर्शन होते हैं। महादेव घाट में छठ पूजा को लेकर विशेष तैयार की जाती है। महादेव घाट के पास कई सामाजिक संगठनों के भवन भी हैं।
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मंदिर प्रांगण में कई और मंदिर
हटकेश्वर महादेव मंदिर में कई और भगवान के मंदिर हैं। इसमें राधा-कृष्ण मंदिर, संतोषी मां मंदिर, कलेश्वर नाथ मंदिर, भूतेश्वर नाथ मंदिर, लक्ष्मी नारायण् मंदिर प्रमुख रूप से हैं। हटकेश्वर महादेव मंदिर के पास ही श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा भी बना हुआ है। इसमें मां काली की भव्य प्रतिमा के दर्शन होते हैं। जूना अखाड़ा में और कई देवी-देवताओं के दर्शन होते हैं। अखाड़ा में दतात्रेय भगवान, शंकर भगवान सहित कई ऋषिमुनियों की प्रतिमा स्थापित है। हटकेश्वर महादेव मंदिर के पास ही श्मशान घाट बना हुआ है। यहां दाह संस्कार के बाद अस्थियों का विसर्जन खारुन नदी में किया जाता है। छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से लोग पिंडदान के लिए महादेव घाट आते हैं। महादेव घाट के पास ही विवेकानंद आश्रम के संस्थापक स्वामी आत्मानंद जी की समाधि भी स्थित है।
भगवान शिव की भव्य प्रतिमा
महादेव घाट में दूसरी अमलेश्वर में महादेव घाट गार्डन के पास भगवान शिव की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। हटेश्वर महादेव मंदिर से यह प्रतिमा दिखाई देती है। सफेद रंग की शिव की यह प्रतिमा बैठी हुई मुद्रा में है। एक ऊंचे चतुबरे पर इस प्रतिमा का निर्माण किया गया है।
नौका विहार महादेव घाट खारुन नदी
हटकेश्वर महादेव मंदिर खारुन नदी के तट पर बना हुआ है। इस कारण इस तट को महादेव घाट के नाम से भी जाना जाता है। खारुन नदी में नौका विहार की सुविधा भी है। यहां घूमने आने वाले लोग नौका विहार का आनंद उठाते हैं। किसी खास मौके पर यहां नौका विहार करते लोगों की संख्या बढ़ जाती है।
कार्तिक पुर्णिमा में पुन्नी मेला
महादेव घाट में हर साल कार्तिक पूर्णिमा में पुन्नी मेला लगता है। इस ऐतिहासिक मेले की शुरुआत हटकेश्वर महादेव की विशेष पूजा अर्चना के साथ होती है। मेला में शामिल होने के लिए रायपुर सहित पूरे प्रदेश से लोग आते हैं। यहां आने वाले ज्यादातर लोग खारुन नदी में स्नान कर हटकेश्वर महादेव के दर्शन कर जलाभिषेक करते हैं। मेले में श्रृंगार, वस्त्र, खिलौने, खान-पान सहित कई तरह की दुकानें सजती हैं। बच्चों और बड़ों के मनोरंजन के लिए यहां कई तरह के झूले लगते हैं। मेले में सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन की ओर विशेष व्यवस्था की जाती है।
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हनुमान मंदिर महादेव घाट
महादेव घाट से लगा हुआ हनुमान मंदिर भी है। कुछ साल पहले बना यह मंदिर बहुत सुंदर है। सफेद रंग के इस मंदिर को बनाने में संगमरमर पत्थर का इस्तेमाल ज्यादा किया गया है। मंदिर में हनुमान जी के अलावा, मां दुर्गा, सीता-राम, राधा-कृष्ण के भी दर्शन होते हैं। मंदिर के अंदर पुरी से लाया गया रथ का एक चक्का भी रखा गया है। मंदिर कैंपस में सुंदर गार्डन का निर्माण भी किया गया है। मंदिर आने वाले श्रद्धालु गार्डन की सुंदरता को देखकर यहां थोड़ी देर समय जरूर बिताते हैं।
लक्ष्मण झूला महादेव घाट
महादेव घाट में खारुन नदी के ऊपर 150 मीटर लंबे लक्ष्मण झूले का निर्माण किया गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा बनाया गया यह लक्ष्मण झूला छत्तीसगढ़ का यह पहला सस्पेंशन ब्रिज है। करोड़ों की लागत से बने इस ब्रिज में चलने से झूले में चलने जैसा अहसास होता है। इस ब्रिज के माध्यम से लोग महादेव घाट के दूसरी ओर अमलेश्वर में स्थित गार्डन में जाते हैं। शाम और सुबह में यहां लोगों की भीड़ जुटती है। झूले को देखने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ से लोग यहां आते हैं।
महादेव घाट गार्डन अमलेश्वर
महादेव घाट के उस पार यानी दुर्ग जिले के अमलेश्वर एरिया में महादेव घाट गार्डन का निर्माण किया गया है। गार्डन को बहुत सुंदर ढंग से डेवलप किया गया है। लंबी दूरी में बने इस गार्डन में एक्सरसाइज के लिए कई एक्यूपमेंट लगाए गए हैं। गार्डन में गोल्फकार्ट ट्रैक, एक्यूप्रेशर ट्रैक और पेडस्टल ट्रैक बनाए गए हैं। योग और एक्सरसाइज को ध्यान रखकर गार्डन में अगल से एरिया डेवलप किया गया है। बच्चों के मनोरंजन के लिए कई तरह के झूले लगाए गए हैं। गार्डन के अंदर कैलाश गुफा बनाया गया है। कैफेटेरिया की सुविधा भी गार्डन में मौजूद है। हटकेश्वर महादेव मंदिर से लक्ष्मण झूला होते हुए गार्डन तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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विसर्जन कुंड महादेव घाट
महादेव घाट में विसर्जन कुंड का निर्माण किया गया है। रायपुर शहर में गणेश पूजा और दुर्गा पूजा के दौरान स्थापित सैकड़ों प्रतिमाओं का विसर्जन इस कुंड में किया जाता है। कुंड बनने से पहले प्रतिमाओं का विसर्जन सीधे खारुन नदी में किया जाता था। इससे खारुन नदी में प्रदूषण का खतरा बना रहता था। इसी को ध्यान में रखकर महादेव घाट में विसर्जन कुंड का निर्माण किया गया।
रायपुर रेलवे स्टेशन से हटकेश्वर महादेव मंदिर की दूरी
रायपुर रेलवे स्टेशन से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर हटकेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। रायपुर शहर सहित पूरे छत्तीसगढ़ से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से महादेव घाट स्थित हटकेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। आप बस, कार, टैक्सी, ऑटो या स्वयं के साधन से यहां तक पहुंच सकते हैं। नए बने भाटागांव बस स्टैंड से महादेव घाट की दूरी मात्र 7 किलोमीटर है। ट्रेन के माध्यम से भी रायपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंचा जा सकता है, जहां से हटकेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए कई साधन उपलब्ध हैं। रायपुर में एयरपोर्ट की सुविधा है जो महादेव घाट से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर है।
राजधानी रायपुर में घूमने की जगह
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कई जगहें हैं जहां आप पिकनिक या घूमने का प्लान बना सकते हैं। खारुन नदी के किनारे पर स्थित रायपुर शहर प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। यहां घूमने के लिए, स्वामी विवेकानंद सरोवर जिसे बूढ़ा तालाब भी कहते हैं, स्वामी विवेकानंद आश्रम, दूधाधारी मठ मंदिर, तेलीबांधा तालाब, गांधी उद्यान, महामाया मंदिर, राम मंदिर, शादाणी दरबार, इस्कॉन मंदिर, बालाजी मंदिर, बंजारी माता मंदिर, महाकौशल आर्ट गैलरी, गुरु तेग बहादुर संग्रहालय, नंदन वन जू, कैवल्य धाम, नया रायपुर, एमएम फन सिटी, महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय प्रमुख है।