Barnawapara Wildlife Sanctuary Baloda Bazar Bhatapara Chhattisgarh | बारनवापारा अभ्यारण्य छत्तीसगढ़ | जानिए बारनवापारा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के बारे में | बारनवापारा के आस-पास घूमने की जगह

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इस पोस्ट में बलौदाबाजार भाटापारा जिले में स्थित बारनवापारा वाइल्डलाइफ सेंचुरी की बात करेंगे। करीब 245 वर्ग किलोमीटर में फैले इस अभ्यारण्य की स्थापना वर्ष 1976 में हुई थी। यहां के गांव के नाम पर अभ्यारण्य का नाम रखा बारनवापारा वाइल्डलाइफ सेंचुरी गया है। जोंक और बलमदेही नदी अभ्यारण्य से होकर बहती हैं। बारनवापारा अभ्यारण्य में करीब 22 गांव आते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। 



अभ्यारण्य में एक जगह वॉच टावर बना हुआ है। यहां से पर्यटक दूर तक फैले हुए अभ्यारण्य को देख सकते हैं। पूरे अभ्यारण्य के अंदर आपको कच्ची सड़क ही देखने को मिलेगी। यहां की प्राकृति सुंदरता आपका मन मोह लेगी। अभ्यारण्य घूमते हुए आप रोमांच का अनुभव करेंगे। परिवार और दोस्तों के साथ आप यहां का प्लान बना सकते हैं। यहां आएं तो साफ-सफाई का ध्यान रखें। अभ्यारण्य के नियमों का पालन करें और प्लास्टिक को डस्टबिन में ही डालें। 

बारनवापारा अभ्यारण्य में दिखते हैं कई जानवर 

पर्यटक अभ्यारण्य में शेर, बाघ, तेंदुआ, चार सींग वाले हिरण, भालू, जंगली भैंसा, चीतल, बंदर, धारीदार हाइना, चिंकारा, सांभर, नीलगाय, जंगली शूअर, जंगली कुत्ते, लकड़बग्घा, लोमड़ी, उड़ने वाली गिलहरी, अजगर, कोबरा आदि देख सकते हैं। अभ्यारण्य के बघमड़ी तालाब एरिया में जाने पर बाघ और तेंदुआ देखने को मिलते हैं। पक्षी प्रेमियों के लिए डोंग पहरी, पक्षी विहार बेस्ट जगह है। यहां 250 से भी ज्यादा पक्षियों की प्रजातियों का बसेरा है। विशेष समय में प्रवासी पक्षी भी यहां देखे जा सकते हैं। पक्षियों में तोता, मोर, जंगली मुर्गे, बुलबुल, कठफोड़वा, ड्रोंगो आदि हैं। पर्यटकों को यहां देखने के लिए बहुत कुछ है। यहां आकर वो निराश नहीं होंगे।  

अभ्यारण्य में वनस्पतियों की कई प्रजाति

अभ्यारण्य में वनस्पतियों
 की कई प्रजाति देखने को मिलती है।


अभ्यारण्य में वनस्पतियों की कई प्रजाति देखने को मिलती है। इसमें सागौन, बांस, अर्जुन, साजा, साल, सेमल, महुआ, बेर और तेंदु सहित अन्य पेड़ पौधे हैं। साजा को क्रोकोडायल ट्री भी बुलाते हैं। क्योंकि साजा और क्रोकोडायल का स्कीन एक जैसा होता है। विशेष समुदाय द्वारा इस पेड़ की पूजा की जाती है। नवा खाय त्योहार में इसके पत्तों पर प्रसाद खाते हैं। अर्जुन और साजा पेड़ परिस्थिति के अनुसार बदल जाते हैं। यह इनकी खासियत है। अर्जुन साजा हो जाता है और साजा अर्जुन। सागौन पेड़ की खासियत है कि पहले इसकी लंबाई बढ़ती है और फिर इसकी मोटाई बढ़ती है। 

बारनवापारा अभ्यारण्य घूमने के लिए सुविधा

अभ्यारण्य में अलग-अलग सुविधाओं के लिए लगा शुल्क चार्ट।


बारनवापारा अभ्यारण्य घूमने के लिए जिप्सी की सुविधा है, जिसे अभ्यारण्य पहुंचकर यहां स्थित टिकट काउंटर से बुक करना होता है। एक जिप्सी की बुकिंग 1300 रुपए में होती है। इसके अलावा अभ्यारण्य घूमने वालों को प्रति व्यक्ति 30 रुपए का अतिरिक्त शुल्क देना होता है। अभ्यारण्य में कार, बस और टैक्टर के एंट्री के लिए भी शुल्क तय है। कार के लिए 60 रुपए, बस और मिनी बस के लिए 300 रुपए और ट्रैक्टर के लिए 150 रुपए शुल्क निर्धारित है। प्रति कैमरा 30 रुपए अलग से देने होते हैं। गाइड के लिए अतिरिक्त 200 रुपए देने होते हैं। हर जिप्सी में एक गाइड अनिवार्य रूप से रहते हैं। गाइड आपको अभ्यारण्य के सभी पॉइंट से रूबरू कराते हैं और अभ्यारण्य में कहां क्या है इसकी जानकारी शेयर करते हैं। गाइड आपको भालू पानी, गिधौरी पानी, मरेर तालाब, परसापानी, रामपुर मैदान, प्वाइंट 109 लेकर जाएंगे।

अभ्यारण्य घूमने का सही समय और ठहरने की व्यवस्था

पर्यटकों के रुकने के लिए बारनवापारा में पर्यटक ग्राम बना हुआ है।

 

बारनवापारा अभ्यारण्य घूमने के लिए नवंबर से जून तक का समय बेस्ट है। अभ्यारण्य में घूमने के लिए दिन में दो समय निर्धारित हैं। इसमें सुबह 6 से सुबह 9 बजे तक और दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक के समय में ही आप अभ्यारण्य घूम सकते हैं। पर्यटकों के लिए पर्यटक ग्राम, बारनवापारा की सुविधा है। रात में पर्यटक यहां ठहर सकते हैं। यहां कई तरह के रूम अवेलेवल हैं। रूम एसी और नॉन एसी दोनों तरह के हैं। सुबह 9 बजे रूम से चेक आउट होना जरूरी है। प्राइस की बात की करें तो डारमेट्री प्रति बेड 250 रुपए से शुरू होकर हेरिटेज डबल बेड 6000 रुपए पर डे के अनुसार अवेलेवल है। इसके बीच में भी कई ऑप्शन हैं। आप अपनी सुविधा और बजट अनुसार हाउस बुक कर सकते हैं। बारनवापारा अभ्यारण्य को और अधिक जानने और आवास की ऑनलाइन बुकिंग के लिए वेबसाइट Barnawapara पर जाएं। फोन नंबर 07727-223526 से भी अभ्यारण्य के संबंध में जानकारी हासिल की जा सकती है। 

रायपुर से बारनवापारा वाइल्डलाइफ सेंचुरी की दूरी

राजधानी रायपुर से करीब 90 किलोमीटर, बिलासपुर से करीब 115 किलोमीटर, महासमुंद से करीब 55 किलोमीटर, बलौदा बाजार से करीब 57 किलोमीटर और कसडोल से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर बारनवापारा वाइल्डलाइफ सेंचुरी स्थित है। कई शहरों से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से बारनवापारा पहुंचा जा सकता है। आप बस, कार, टैक्सी या बाइक से यहां तक पहुंच सकते हैं। रायपुर से बारनवापारा तक की सड़क की स्थित अच्छी है। महासमुंद रेलवे स्टेशन करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर है। दूसरे राज्यों से आने वालों के लिए रायपुर एयरपोर्ट की सुविधा है, जो मुंबई, दिल्ली, विशाखापट्‌टनम और कोलकाता से डायरेक्ट जुड़ा हुआ है।

बारनवापारा के आस-पास घुमने की जगह

बारनवापारा के आस-पास की घूमने वाली जगहों को ऐरो से मार्क किया गया है। 


बारनवापारा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के आस-पास कई ऐसी जगहें हैं जहां पिकनिक या घूमने का प्लान बनाया जा सकता है। इनमें तुरतुरिया, छाता पहाड़, सिद्धखोल वॉटरफॉल, देव वॉटरफॉल, तेलई वॉटरफॉल, मातागढ़, कुरुपाठ, सिरपुर और शिवरीनारायण प्रमुख है।

तुरतुरिया
बारनवापारा बॉडर पर यह तुरतुरिया स्थित है। राम मंदिर और एक छोटा सा वॉटरफॉल यहां की पहचान है। मंदिर के पास से वॉटरफॉल का पानी एक कुंड में गिरता है। गिरते वॉटरफॉल से तुरतुर की आवाज निकलती है। इसी आवाज के कारण यहां का नाम तुरतुरिया पड़ा है। पूजा करने के लिए लोग यहां आते हैं।

छाता पहाड़
बारनवापारा में महराजी से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर छाता पहाड़ स्थित है। यह एक दर्शनिय स्थल है। यहां पर एक बड़ा सा पत्थर है जहां संत श्री गुरुघासीदास जी को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। गिरौदपुरी आने वाले पर्यटक यहां जरूर आते हैं।

सिद्धखोल वॉटरफॉल
बारनवापारा में देवपुर से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर सिद्धखोल वॉटरफॉल स्थित है। जलप्रपात मिश्रित वनों से घिरा हुआ है। कसडोल, पिथौरा और आसपास के लोग यहां पिकनीक मनाने आते हैं। 

देव वॉटरफॉल
बारनवापारा में देवपुर से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर देव वॉटरफॉल स्थित है। यह जलप्रपात मिश्रित वन और बांस से घिरा हुआ है। आस-पास के लोग यहां पिकनीक मनाने के लिए आते है।

तेलई वॉटरफॉल
बारनवापारा से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर तेलई वॉटरफॉल स्थित है। वॉटरफॉल जंगल से घिरा हुआ है। इसमें बांस और साल के पेड़ ज्यादा हैं। आसपास से लोग यहां पिकनीक मनाने आते हैं।

कुरुपाठ
बारनवापारा के सोनाखान से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर कुरुपाठ स्थित है। यहां आने वाले लोग कुरुपाठ देव की पूजा करते हैं। पहाड़ी पर स्थित इस जगह पर पहुंचने के लिए करीब 1 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। पहाड़ी से घाटी एवं जंगल का शानदार नजारा दिखता है।

सिरपुर
बारनवापारा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी सिरपुर स्थित है। महानदी के तट पर स्थित इस जगह में लक्ष्मण मंदिर, पुरातात्विक संग्रहालय, स्वास्तिक विहार, बुद्ध विहार और गंधेश्वर महादेव मंदिर प्रमुख है। सिरपुर देखने के लिए पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं।

शिवरीनारायण
बारनवापारा से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर महानदी और जोंक नदी के संगम पर शिवरीनारायण स्थित है। संगम में नहाने के लिए माघ पूर्णिमा पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। नहाने के बाद श्रद्धालू यहां स्थित शिव मंदिर में दर्शन करते हैं। 

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2 टिप्पणियां

  1. बहुत उपयोगी लेख
    1. Thank you sir.
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